बीरबल महतो, सारस न्यूज़, कोचाधामन।
जिले के कोचाधामन प्रखंड के बड़ीजान पंचायत अंतर्गत बड़ीजान हाट में पीपल के पेड़ के नीचे रखे गए प्राचीन व पौराणिक सूर्य प्रतिमा को संरक्षित करने की मांग स्थानीय लोगों के द्वारा उठने लगी है। बड़ीजान हाट में मिले प्राचीन सूर्य मंदिर के क्षेत्र के लोगों की गहरी आस्था है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पीपल पेड़ के नीचे ही रखे इस सूर्य प्रतिमा की पूजा अर्चना की जाती है। स्थानीय ग्रामीण प्रेम कुमार बबलू, किशोरी चौधरी, कृष्ण मोहन दास, सुरेंद्र पासी, रंजीत चौधरी, विकास राम, उमेश साह, धर्मेंद्र चौधरी, सत्तू यादव आदि स्थानीय लोगो ने बड़ीजान हाट स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर को संरक्षित करने व बड़ीजान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग सूबे की सरकार से की है। जानकारी के मुताबिक बड़ीजान हाट में प्राचीन व पौराणिक सूर्य प्रतिमा 9वीं शताब्दी के पालवंश के राजाओं के समय की है । बड़ीजान हाट के पीपल पेड़ के नीचे सूर्य भगवान की प्रतिमा वर्षो से रखी हुई हैं। वहीं बड़ीजान के अन्य जगहों पर आसपास में काले पत्थर की ही एक टूटा हुआ द्वार, पत्थर का नाव व एक भगवान गणेश जी की प्रतिमा भी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि अगर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा बड़ीजान हाट व आसपास के क्षेत्र का उत्खनन किया जाएगा तो कई और ऐतिहासिक चीजे मिल सकती है। गौरतलब है कि किशनगंज के पूर्व सांसद स्व. तस्लीमुद्दीन ने बड़ीजान हाट स्थित प्राचीन सूर्य प्रतिमा को संरक्षित करने के लिए अपने समय मे काफी प्रयास भी किया था, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा बड़ीजान को विकसित करवाने के लिए किशनगंज के तत्कालीन डीएम के. सेंथिल कुमार के द्वारा भी कोशिश की गई थी। वही पिछले कुछ वर्ष पूर्व बड़ीजान के इस प्राचीन सूर्य प्रतिमा को भागलपुर के संग्रहालय में इस प्रतिमा को शिफ्ट करने को लेकर विभाग द्वारा प्रयास किया गया लेकिन स्थानीय लोगों की नाराजगी व आपत्ति पर इस पर रोक लगा दी गई थी। स्थानीय लोगों ने कहा कि बड़ीजान हाट स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर हमारे क्षेत्र का ऐतिहासिक धरोहर है। इसको संरक्षित करने की जरूरत है। स्थानीय लोगो ने एक बार फिर से जिला प्रशासन, स्थानीय सांसद, विधायक व संबंधित विभाग का ध्यान बड़ीजान हाट के इस ऐतिहासिक सूर्य प्रतिमा की ओर आकृष्ट कराते हुए इसके संरक्षण को लेकर प्रयास करने तथा बड़ीजान हाट को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की मांग की है।