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बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र साबित हो रहा है मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षित हो रहे हैं बच्चे

मनोरंजक के तरीके से खेल-खेल में बच्चों को दी जा रही बुनियादी शिक्षा

आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिये अधिक रूचिकर व उपयोगी बनाने के उद्देश्य से जिले के प्रत्येक प्रखंड में एक चिह्नित आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। इन केंद्रों पर आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने के साथ इसे आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया है। ताकि सहज अंदाज में बच्चों के शैक्षणिक कौशल का विकास संभव हो सके। मॉडल केंद्रों पर आकर्षक वॉल पेंटिंग के माध्यम से गिनती, वर्णमाला, पशु-पंक्षियों के चित्र, कार्टून्स व मापतौल के चित्रों अंकन किया गया है। ताकि बच्चे खेल-खेल में नई जानकारियां हासिल कर सकें और उन्हें बुनियादी शिक्षा दी जा सके। उक्त केंद्र अपनी सेवाओं, सुविधाओं और प्रबंधन में उच्चतम मानकों को प्राप्त करते हैं। इन केंद्रों को बच्चों के समग्र विकास, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की देखभाल और समुदाय में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण माना जाता है।

केंद्र के प्रति बढ़ा है बच्चों का रूझान

पोठिया प्रखंड की सीडीपीओ प्रियंका श्रीवास्तव ने बताया कि प्रखंड के बुथरा पंचायत में संचालित मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनने के बाद केंद्र के प्रति बच्चों का रूझान काफी बढ़ा है. पहले पोषक क्षेत्र के बच्चे केंद्र आने में कोई रूचि नहीं लेते थे. लेकिन केंद्र में सुविधाओं के हुए विकास के बाद बच्चों की उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है। केंद्र पर आने वाले बच्चे खेल-खेल में ही अपना पाठ याद करते है। केंद्र पर विद्युत सेवा, स्वच्छ पेयजल, शौचालय व डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से बच्चों को जरूरी जानकारी देते हुए उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर ध्यान दिया जाता है।

प्ले स्कूल की तर्ज पर उपलब्ध है जरूरी सुविधाएं

बुथरा पंचायत के महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह ने बताया कि मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र 06 साल से कम उम्र के बच्चों को बेहतर प्री स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने के लिहाज से बेहद कारगर साबित हो रहा है। यहां बच्चों को प्ले स्कूल की तरह तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध है। इन केंद्रों पर बच्चों के लिये खेल से लेकर मनोरंजन तक के लिये जरूरी इंतजाम उपलब्ध हैं। केंद्र के माध्यम से शिशु व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, स्वास्थ्य, पोषण व प्री स्कूल से जुड़ी सेवा स्थानीय लोगों को सहजता पूर्वक उपलब्ध कराया जा रहा है।

खेल-खेल में नई जानकारी हासिल कर रहे हैं बच्चे

डीपीओ आईसीडीएस अजमल खुर्शीद ने बताया कि मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर खेल-खेल में बच्चे नई जानकारियों हासिल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल जिले में 7 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित किया गया है। बच्चों को मनोरंजक तरीके से खेल-खेल में अध्ययन से जोड़ना इसका मुख्य उद्देश्य है। मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का मुख्य उद्देश्य केंद्र को ऐसा बनाना है जो बच्चों, महिलाओं और समाज के हर वर्ग के लिए उपयोगी हो। ये केंद्र स्थानीय समुदाय में विकास और सशक्तीकरण का केंद्र बिंदु बन सकते हैं, जहां स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण से जुड़ी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हों। उक्त केंद्र का परिणाम यह हुआ है कि अधिक से अधिक लोग इन सेवाओं का लाभ उठाते रहे है, और बच्चों के साथ-साथ माताओं का भी स्वास्थ्य और विकास सुनिश्चित हो रहा है। मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गये हैं, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाल विकास और पोषण के प्रयासों को और सशक्त किया जा सके।


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