राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया गया। इस पहल के तहत गर्भवती महिलाओं को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं और उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें उचित देखभाल के लिए चिह्नित किया गया। साथ ही, महिलाओं को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम की महत्ता और उद्देश्य
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि “स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।” उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का समय पर स्वास्थ्य जांच और देखभाल न केवल मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद करती है, बल्कि जटिलताओं का समय रहते इलाज भी सुनिश्चित करती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की निम्नलिखित जांच की जाती है:
- एचआईवी और सिफिलिस टेस्ट
- रक्तचाप, वजन और खून की जांच
- पेशाब की जांच
- आयरन और कैल्शियम की गोलियां
- टीटी (टिटनस) इंजेक्शन
सदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान 14 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड भी किया गया, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति का गहन आकलन किया जा सका।
परिवार नियोजन: जनसंख्या स्थिरीकरण की कुंजी
डॉ. शबनम यास्मीन ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए परिवार नियोजन का विशेष महत्व है। इस अवसर पर योग्य दंपतियों को निम्नलिखित गर्भनिरोधक साधन नि:शुल्क प्रदान किए गए:
- गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा
- पीपीआईयूसीडी और आईयूसीडी
- साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया
इन सेवाओं से दंपतियों को अपने परिवार की योजना बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद मिली।
सुरक्षित मातृत्व और परिवार नियोजन की आवश्यकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। सुरक्षित मातृत्व अभियान और परिवार नियोजन दिवस का उद्देश्य:
- गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच द्वारा जटिलताओं का समय पर पता लगाना।
- उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को बेहतर देखभाल सुनिश्चित करना।
- दंपतियों को परिवार नियोजन के साधनों के उपयोग के लिए प्रेरित करना।
जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में महिलाओं और उनके परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां दीं। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास रेफर किया गया। साथ ही, परिवार नियोजन के लाभों और सुरक्षित मातृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सदर अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने में सहायक है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
