राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिला सहित पुरे देशभर में सितम्बर माह को अभियान के रूप में मनाया जा रहा है , जिसमे नित्य दिन कार्यक्रम का आयोजन कर ग्रामीणों को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है इसी क्रम में जिले के पोठिया प्रखंड में पोषण और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए, आंगनवाड़ी केंद्र पर पोषण अभियान 2024 के तहत एक विशेष माता बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य माताओं को बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के स्वास्थ्य व पोषण के प्रति जागरूक करना था। पोषण अभियान 2024 की थीम “संपूर्ण पोषण, स्वस्थ जीवन” पर आधारित इस बैठक में महिलाओं को पोषण संबंधी जानकारी दी गई और कुपोषण से बचने के उपायों पर चर्चा की गई।
छोटे बच्चों के लिए पहला 1000 दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं:
महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह ने बाते की माता बैठक के दौरान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को पोषण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए पहला 1000 दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं, जिसमें उनका शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है। इस दौरान सही पोषण का महत्व समझाते हुए, कार्यकर्ताओं ने बताया कि संतुलित आहार में प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैल्शियम और अन्य खनिजों का समावेश होना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे स्थानीय और सस्ते खाद्य पदार्थों का उपयोग कर माताएं अपने बच्चों को पोषक आहार दे सकती हैं।वही उपस्थित लोगो को बाते की केवल महंगे खाद्य पदार्थों से ही नहीं, बल्कि घर में उपलब्ध साधारण सामग्री जैसे दालें, हरी सब्जियां, दही, दूध, फल और अनाज से भी संतुलित आहार तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा, बच्चों को समय-समय पर टीकाकरण और सही देखभाल देने के महत्व पर भी चर्चा की गई।
पोषण अभियान 2024 की थीम:
आईसीडीएस की मो अजमल खुर्शीद ने बताया की पोषण अभियान 2024 की थीम “संपूर्ण पोषण, स्वस्थ जीवन” इस बार कुपोषण से लड़ने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर केंद्रित है। इसमें खासकर गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने पर जोर दिया गया है। इस थीम के अंतर्गत, संतुलित आहार, स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देकर संपूर्ण स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना मुख्य लक्ष्य है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यह अभियान देशभर में विभिन्न स्तरों पर चलाया जा रहा है। इस बैठक में बड़ी संख्या में माताओं ने भाग लिया और पोषण से जुड़े विभिन्न सवाल पूछे। कई महिलाओं ने अपने बच्चों में आयरन की कमी, कुपोषण के लक्षण और इसका समाधान जानने की जिज्ञासा दिखाई। विशेषज्ञों ने उनके सवालों के जवाब देते हुए बताया कि कैसे आयरन की कमी से एनीमिया होता है और इसे संतुलित आहार से रोका जा सकता है। उन्होंने माताओं को आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चुकंदर, गुड़, और दालों को अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी। साथ ही, माताओं को दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए विशेष आहार पर भी चर्चा की गई, जिससे वे खुद को और अपने बच्चों को आवश्यक पोषण प्रदान कर सकें। इस दौरान महिलाओं ने खुद के अनुभव भी साझा किए, जिससे अन्य माताओं को भी प्रेरणा मिली।
महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है:
सिडिपिओ प्रियंका श्रीवास्तव ने बताया की कार्यक्रम के अंत में महिलाओं को पोषण चार्ट और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक खाद्य पदार्थों की जानकारी दी गई। माताओं को बताया गया कि बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें सही योजना और जानकारी का पालन करना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे नियमित रूप से ऐसी बैठकों का आयोजन करेंगे, जिससे महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके। आंगनवाड़ी केंद्र सेविका सहर बानो ने बताया कि इस प्रकार की बैठकों से माताओं में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ पोषण के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित किया जा सकता है। उन्होंने सभी माताओं से आग्रह किया कि वे पोषण अभियान 2024 के तहत दिए गए सुझावों का पालन करें और अपने बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए बेहतर आहार योजनाएं अपनाएं। पोषण अभियान 2024 के अंतर्गत आयोजित इस माता बैठक ने न केवल महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है बल्कि उन्हें यह समझने में भी मदद की कि सही आहार और देखभाल से बच्चों का समुचित विकास संभव है। इस प्रकार के कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पोषण स्तर को सुधारने और समाज के सभी वर्गों में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।