बच्चों की चाह
हम फूल हैं नन्ही बगिया के,
हमसे ही दुनिया महकेगी।
विद्यालय जाएंगे जब हम,
शिक्षा की ज्योति चमकेगी।
जो ठाना है हमने मन में ,
हम वह करके दिखलाएंगे।
नेकी के रास्ते पर चलना,
हम दुनिया को सिखलाएंगे।
मत छीनो हमारे नभ को तुम ,
हमें उन्मुक्त गगन में उड़ने दो ।
मत तोड़ो हमारे सपनों को ,
हमें जीवन पथ पर बढ़ने दो ।
बिंदु अग्रवाल
