—जिले में 02 से 17 सितंबर तक मिशन परिवार विकास पखवाड़ा आयोजित
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
परिवार नियोजन का महत्व व इसके लिए उपलब्ध सुविधाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में मिशन परिवार विकास अभियान संचालित किया जा रहा है। दो चरणों में संचालित इस अभियान की सफलता के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मंगलवार को दिघलबेंक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनामुल हक ने प्रचार वाहन सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर क्षेत्र भ्रमण के लिए रवाना किया। प्रखंड के सभी पंचायतों में अभियान के प्रति जन जागरूकता के सारथी रथ क्षेत्र भ्रमण के लिये रवाना किया गया। सारथी रथ लोगों को परिवार नियोजन के महत्व व उपलब्ध सुविधाओं के प्रति जागरूक करेगा।
नियोजन सेवाओं के प्रति जागरूकता जरूरी:
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले में 02 से 30 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान संचालित किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन सेवा के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए इसे अपनाने के लिये उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करना है। इस दौरान विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से इच्छुक दंपतियों को सहजता पूर्वक परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा।
दो चरणों में संचालित होगा अभियान:
डीपीएम स्वास्थ्य डॉ मुनाजिम ने बताया कि अभियान दो चरणों में संचालित किया जायेगा। 02 से 14 सितंबर तक संचालित अभियान का पहला चरण दंपती संपर्क पखवाड़ा के रूप में मनाया जायेगा। इस दौरान योग्य दंपतियों को अस्पताल में उपलब्ध परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई सुविधाओं की जानकारी दी जायेगी। 17 से 30 सितंबर तक संचालित परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के तहत इच्छुक दंपतियों को परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा।
दो और तीन बच्चों के पिता को किया जाएगा जागरूक :
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही एक बच्चे के पिता को परिवार नियोजन के अस्थाई उपाय के रूप में कंडोम इस्तेमाल करने और दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित करते हुए इसके लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिलाभर के सभी अस्पतालों और प्राथमिक – सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी और अस्थाई साधन के रूप में गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन के साथ- साथ कॉपर टी लगवाने की सुविधा उपलब्ध हैं। इसी तरह पुरुषों के लिए भी कंडोम उपलब्ध हैं।
अधिक सरल है पुरुष नसबंदी:
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है.यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल है। इसके लिए न्यूनतम संसाधन, बुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। लोग परिवार नियोजन के अस्थाई तरीके का भी उपयोग कर सकते हैं। इसमें अंतरा, छाया, कॉपर-टी व कंडोम आदि का उपयोग किया जा सकता है। इसके उपयोग से लोग बच्चों के बीच उम्र का अंतर रख सकते हैं। इससे बच्चों की समुचित देखभाल के साथ ही महिलाओं का स्वास्थ्य भी तंदुरुस्त रखा जा सकता है।