राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
नवजात शिशु, विशेष रूप से वे जो समय से पहले जन्म लेते हैं या कम वजन के होते हैं, जीवन के शुरुआती दिन बेहद नाजुक होते हैं। इस दौरान विशेष देखभाल और समय पर चिकित्सा सहायता उनकी जान बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, नवजात मृत्यु दर को कम करना सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3 का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के कारण कई शिशु उचित देखभाल से वंचित रह जाते हैं। इसी कमी को पूरा करने के लिए किशनगंज जिले में विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) की स्थापना की गई। अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों से सुसज्जित यह इकाई नवजातों को जीवन रक्षक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
चार वर्षों में एसएनसीयू का प्रदर्शन
1 जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2024 तक, एसएनसीयू में:
- कुल भर्ती: 2,957 नवजात
- सफल डिस्चार्ज: 1,954 नवजात
जीवनदायिनी बनी एसएनसीयू
एसएनसीयू के इंचार्ज डॉ. नविन कुमार ने बताया कि यह यूनिट समय से पहले जन्मे और कम वजन वाले शिशुओं के इलाज के लिए एक प्रमुख केंद्र है। अत्याधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित डॉक्टरों, और समर्पित नर्सिंग स्टाफ की मदद से हजारों नवजातों की जान बचाई गई है। एसएनसीयू ने नवजात मृत्यु दर को कम करने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। यह उन बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
प्रशासन का सहयोग: एक आदर्श मॉडल
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जिलाधिकारी विशाल राज के नेतृत्व में एसएनसीयू की सेवाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से यह इकाई स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता का प्रतीक बन गई है। जिलाधिकारी ने कहा, “एसएनसीयू ने नवजात शिशुओं और उनके परिवारों के जीवन में आशा की नई किरण लाई है। हर नागरिक को इस सेवा का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।”
आमजन के लिए संदेश: जागरूकता है जीवन की कुंजी
सिविल सर्जन ने नागरिकों से अपील की है कि वे नवजात शिशुओं की किसी भी समस्या के लिए एसएनसीयू का लाभ उठाएं। सही समय पर उपचार से मासूम जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
एसएनसीयू का उद्देश्य न केवल चिकित्सा सेवाओं में सुधार करना है, बल्कि समुदाय के प्रति समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करना भी है। यह इकाई नवजात मृत्यु दर को कम करने और शिशुओं को स्वस्थ जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
“हर नवजात को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य प्रदान करना ही हमारा लक्ष्य है। जागरूक रहें और समय पर चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाएं।”