बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अररिया-गलगलिया निर्माणाधीन न्यू बीजी रेललाइन परियोजना अंतर्गत पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के जनरल मैनेजर (निर्माण) ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य का पुरे काफिला के साथ निरीक्षण करने पहुंचे। पर उक्त परियोजना के तहत नगर पंचायत ठाकुरगंज अंतर्गत वार्ड नं चार में पड़ने वाले अधिग्रहित भूमि से संबंधित भूस्वामियों का जनरल मैनेजर से मुलाकात न होने पर इनलोगों ने रोष व्यक्त किया। पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में भूस्वामियों ने भूमि अधिग्रहण का मुआवजा से संबंधित अपनी बात जनरल मैनेजर के समक्ष न रखने के कारण उन्हें काफी मलाल रहा। पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल सहित संबंधित करीब ढाई दर्जन भूस्वामियों ने रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा का भुगतान से पुर्व कार्य कराए जाने का विरोध प्रकट किया। इस संबंध में पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन से सटे करीब ढाई दर्जन किसानों का अधिग्रहित भूमि का मुआवजा गत करीब दो वर्षों से प्राधिकार,पूर्णियां में लटका हुआ है। जबकि इसी मौजे से अन्य कई किसानों को एमवीआर के मुताबिक मुआवजा राशि भुगतान की जा चुकी है। पुर्व विधायक ने बताया कि अधिग्रहण के लिए चिन्हित की गई भूमि का मुआवजा भुगतान मिलने से पहले संवेदक को कार्य करने नहीं दिया जाएगा। पहले अधिग्रहित भूमि का मुआवजा राशि किसानों को एमवीआर के अनुसार भुगतान दिया जाए तब ही कार्य करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एनएफ रेलवे कटिहार डीविजन के सीनियर डिविजनल इंजीनियर सहित डीआरएम कटिहार, एवं जिला भू – अर्जन पदाधिकारी , किशनगंज को पूर्व में पत्र लिखकर अवगत कराया गया है।
उन्होंने बताया कि उक्त रेल परियोजना में ठाकुरगंज शहरी क्षेत्र के 30 से अधिक भूस्वामियों की भूमि का मूल्यांकन भूलवश जिला प्रशासन द्वारा काफी कम कर दिया गया था। अपने जमीन का उचित मूल्य के लिए संबंधित भूस्वामियों ने माननीय उच्च न्यायालय, पटना में रिट याचिका दायर की थी जिसे लगभग 18 माह पूर्व न्यायालय ने प्राधिकार पूर्णिया को सुनवाई एवं उचित मूल्य निर्धारण के लिए 3 महीने का समय निर्धारित करते हुए न्याय संगत आदेश देने को कहा था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण प्राधिकार का कार्य कई महीनों से लंबित है। प्राधिकार पूर्णियां में मामला लंबित होने के बावजूद संवेदक उस जमीन पर कार्य प्रारंभ करने के लिए प्रयासरत है जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच कभी भी तनाव का माहौल उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक प्राधिकार का फैसला नहीं आता है तब तक संवेदक को शहरी भूमि पर कार्य प्रारंभ नहीं करने का आदेश देने के लिए अनुरोध किया गया था परंतु अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने से पूर्व रेलवे के द्वारा कार्य प्रारंभ किए जाने पर संबंधित भू स्वामियों में रोष पनप रहा है। उन्होंने कहा कि प्राधिकार पूर्णिया से आदेश मिलने एवं संबंधित भू स्वामियों को जमीन का मुआवजा का भुगतान के बाद ही उक्त भू-भाग में कार्य की अनुमति दिया जाए।
वहीं एनएफ रेलवे के जनरल मैनेजर (निर्माण) का काफिला ठाकुरगंज में न रुकने तथा उनकी समस्याओं न सुनने पर पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में निरीक्षण में आये रेल अधिकारियों से बातचीत न होने पर भूस्वामियों ने कड़ा विरोध जताया और अपने जमीन पर खड़े होकर कहा कि जब तक मुआवजा नहीं दिया जाएगा तब तक कार्य होने नहीं दी जाएगी। इस मौके पर रेलवे के लिए अधिग्रहण के चिन्हित भूमि के भूस्वामी रवि लाल गोसाई, देवलाल गणेश, गोविंद गोसाई, भुवने पंडित, मनोज शर्मा, दुर्गेश पंडित, सुरेश पंडित, सुजय पंडित, विप्लव कुमार गणेश, बद्रीनारायण पंडित, रतन पंडित, हरि पंडित, शिव कुमार आदि सहित संबंधित अधिग्रहित भूमि के भूस्वामियों ने विरोध जताया।