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एसएसबी की महिला बलों के बीच लैंगिक संवेदनशीलता विषय को ले कार्यशाला का किया गया आयोजन।

सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।

अक्सर यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, हत्या, पारिवारिक शोषण आदि कई मामलों में शिकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील का दृष्टिकोण रखने को लेकर प्रशासन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता हैं। इससे निपटने के लिए एसएसबी ने अब अपने महिला कर्मियों के बीच लिंग संवेदनशीलता को ले विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था की। एसएसबी 19वीं वाहिनी ठाकुरगंज के बी समवाय पाठामारी में जेंडर सेंसेटाइजेशन अर्थात् लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर एसएसबी के महिला बलों के बीच एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान पीएचसी ठाकुरगंज की चिकित्सक डॉ काजल कुमारी एसएसबी के महिला कार्मिकों को लिंग भेद एवं स्त्री पुरुष विभेद में अंतर स्पष्ट करते हुए बताती हैं कि समाज में जेंडर संवेदनशीलता की आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समाज में बालक एवं बालिका में किये जा रहे भेद के कारण समाज में विषमता बढ़ती है। इसको कम करने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक परंपराओं में भी बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने लैंगिक समानता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि समाज को व्यवस्थित करने में महिलाओं की अहम भूमिका है। महिलाओं के प्रति हिंसा विकृत मानसिकता से निकलती है। हालांकि वर्तमान समय में आये परिवर्तन के कारण स्त्री व पुरुष में विषमताएं कम हो रही है। फिर भी हमें इसके प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है।

कार्यशाला में डॉ काजल कुमारी ने सरकार द्वारा जेंडर संवेदनशीलता को कम करने के लिए महिलाओं के लिए विशेष बजट का भी प्रावधान करती है। उन्होंने शिक्षा, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लिंग भेद के अंतर को कम करने के लिए चलायी जा रही प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी कम मात्रा में लैंगिक असमानता है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में सामाजिक समावेश के लिए लिंग से संबंधित विषयों पर जागरूकता और संवेदनशीलता महत्‍वपूर्ण है। ई- गवर्नेस के लिए पुलिस बल में भी लैंगिक संवेदनशीलता बनाए रखने की निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में स्त्रियां पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में काम कर रही हैं। ऐसे में कार्यस्थल पर उनके मान-सम्मान के प्रति सामूहिक संवेदनशीलता न सिर्फ कानूनी तौर पर बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक तौर पर भी हमें ज्यादा मानवीय और सुसभ्य बनाएगी। जेंडर संवदेनशीलता सभ्य समाज का आत्मदर्पण है।

इस अवसर पर सशस्त्र सीमा बल के 19वीं वाहिनी के महिला कार्मिक रूचि कुमारी, शीला कुमारी, मालविका दास, रेणुका सचिन, चंद्रकला, काकरे मनीषा, झमलावती कुमारी, शशि किरण आदि सहित अन्य महिला कर्मी मौजूद थी।


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