बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
रविवार को होने वाले आदिवासी समुदाय के महत्वपूर्ण पर्व में से एक सोहराय पर्व की तैयारी कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक पूरी कर ली गई है। आदिवासी समुदाय की मांझी परगणा संथाल समाज के बैनर तले सोहराय पर्व का आयोजन बेसरबाटी पंचायत के चुरलीहाट में अवस्थित मांझीथान में होगा। मांझी परगणा संथाल समाज के अध्यक्ष अर्जुन हेम्ब्रम एवं सचिव सुबोध टुडू ने बताया कि पर्व को सफलतापूर्वक आयोजन कराने के लिए समुदाय द्वारा सर्वसम्मति से चतुर हासदा को पूजा की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया हैं।
वैश्विक कोरोना महामारी के तीसरे लहर व ओमिक्रोन वेरियंट को देखते हुए मांझी परगना संथाल समाज के नाम मात्र ही भागीदारी रहेगी। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी बहुत सादगी रूप से सोहराय पर्व मनाएगा। पारम्परिक रूप से कुछ ही लोग परिधानों में पहुंचकर पूजा कार्य में भाग लेकर मात्र औपचारिकता पुरी करेंगे। सोहराय नृत्य में प्रतिभागियों की दूरी को बनाए रखते हुए आयोजित की जाएगी। आदिवासी नेता सुबोध टुडू ने कहा कि संथाल समुदाय सिर्फ संथाल परगना में ही नहीं है। वरन पूरे देश में हैं। पांच दिन तक चलने वाला संथाल जनजाति का यह मुख्य पर्व का संबंध सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़ा हुआ है और उनके आदिवासी समाज की संस्कृति काफी रोचक है। शांत चित्त स्वभाव के लिए जाना जाने वाला आदिवासी समुदाय मूलतः प्रकृति पूजक है। हमारे समाज में इस पर्व का बेहद महत्व है और इस पर्व को हमसभी उत्सव की तरह मनाते हैं। पर सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का अक्षरशः अनुपालन कर माँझीथान में पुजारी के द्वारा ही पारंपरिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना कर मात्र औपचारिकता पुरी की जाएगी।