शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार के हर एक पंचायत में जैविक खाद निर्माण के लिए मॉडल तैयार किया जा रहा है ,जैविक खाद प्लांट के लिए सरकार की ओर से 50 फीसदी अनुदान का प्रवधान है। जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकार के मौजूदगी में किशनगंज के गाछपाड़ा पंचायत स्थित महादलित टोला के किसानों को दिया गया अनोखा तोहफा जो तोहफा 16 लाख तीन हजार की लागत से बना बर्मी कंपोष्ट निर्माण प्लांट का किया उद्घाटन। इस जैविक खाद निर्मित यूनिट का निर्माण मनरेगा योजना के तहत किया गया है। वही गांव के किसानों का कहना है कि रासायनिक खाद के प्रयोग से ना केवल मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम होती है, बल्कि फसलों को नुकसान भी होता है। ओर यही फसल सेहत को नुकसान भी पहुंचाती है। उधर गांव के मुखिया नूर मुहम्मद का कहना है कि पूरे पंचायत में इसी तरह का बर्मी कंपोष्ट निर्माण के लिए यूनिट तैयार कर वैज्ञानिक तरीके से जैविक खेती किया जाएगा और रासायनिक खाद का बहिष्कार किया जाएगा ताकि आनेवाले पीढ़ी के भरण पोषण के लिए जमीन को बंजर होने से बचाया जा सके। जबकि जिला पदाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गांव में बर्मी कंपोष्ट प्लांट का मॉडल तैयार करने के लिए सरकार से स्वीकृति मिली है, उन्होंने कहा कि मनरेगा और पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से जिले में 60 गांवों को चिंहित किया गया है ,जहां बर्मी कंपोष्ट के माध्यम से ऑर्गेनिक खाद तैयार करने की मॉडल तैयार किया जाएगा । उन्होंने कहा कि किसान अब रसायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग करेंगे साथ ही उसका निर्माण भी खुद करेंगे, डीएम ने बताया कि जैविक खाद के प्रयोग से ना सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी वल्कि तैयार फसल भी सेहत के लिए लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनेकों योजनाएं चला रही है और इसका लाभ इन किसानों को मिलेगी। जहां मौजूद किसानों का कहना है कि केवल यूरिया आदि खाद से अनाज उगाने से मिट्टी खड़ा होता है और उपज के अनाज को खाने पर कई प्रकार के शारीरिक बीमारी होता है इस जैविक हादसे मिट्टी में अच्छी रहेगी पैदावार भी अच्छा होगा और इस अनाज के सेवन करने वाले खाने वालों का शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
