(किशनगंज) ठाकुरगंज जनसंख्या नियंत्रण करने को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के बैनर तले देशभर में आंदोलन चल रहा है इसी के तहत शुक्रवार को ठाकुरगंज में फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन दिया। फाउंडेशन के प्रखंड अध्यक्ष नीरज झा ने इसकी अगुवाई की।ज्ञापन सोपने के बाद कार्यकर्ताओ ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। इस दौरान संघटन के वरिष्ठ नेता गौतम पोदार ने बताया की जनसँख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के बैनर तले देश भर में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग तेज हो रही है. श्री गौतम पोदार ने बताया की देशहित में जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है वही ज्ञापन सोपने के बाद फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने कहा की देश और राष्ट्रहित के लिए जनसंख्या नियंत्रण पर बल दिया और साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुई तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है और समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जो देश के लिए हित में नहीं हैं, फाउंडेशन चलाएगा हस्ताक्षर अभियान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने, हम दो हमारे दो और सबके दो का नारा बुलंद करते हुए फाउंडेशन हस्ताक्षर अभियान चलाएगा. इस मौके पर मोजूद बिजली सिंह, अमित सिन्हा, सुभाष यादव, रितेश यादव, मन्नू साह ,धर्मेन्द्र दास राहुल पासवान, कन्हैया यादव ने कहा इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जायेगा। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के नेताओं ने संयुक्त रूप से जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के मुख्य उद्देश्य की चर्चा करते हुए बताया कि जनसंख्या समाधान फाउंडेशन का उद्देश्य देश में बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण कैसे हो इसको लेकर काम करना है. संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण करने को लेकर फाउंडेशन की ओर से पूरे देश भर में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही पूरे देश भर में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने जनसंख्या नियंत्रण करने को लेकर सरकार से शीघ्र ही जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की वहीं, इस कानून में 2 बच्चे से अधिक पैदा करने पर सरकार से मिलने वाली सारी सुविधा से वंचित करने और कठोर कारावास की सजा का प्रावधान करने की मांग की गई.