शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के निदेशानुसार डीडीसी की अध्यक्षता में डीआरडीए स्थित उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)/ लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 अंतगर्त ओडीएफ-प्लस एवं एसएलडब्लूएम से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन को लेकर जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में ठोस अवशिष्ट प्रबंधन (जैविक अवशिष्ट प्रबंधन, घरेलु स्तर पर कंपोस्ट गड्ढ, सामुदायिक स्तर पर कंपोस्ट गड्ढ, नाडेप, इत्यादि) गोबरधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, घूसर जल का प्रबंधन, मलिन जल प्रबंधन, मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन, शौचालय की मरम्मत, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण एवं प्रचार – प्रसार पर प्राप्त विभागीय मार्गदर्शिका पर चर्चा की गई। जिला समन्वयक एलएसबीए, संदीप मिश्रा के द्वारा ओडीएफ प्लस के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि द्वितीय चरण में ओडीएफ प्लस का उद्देश्य ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु सूचना,शिक्षा एवं संचार के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन, चिन्हित नये परिवारों या छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता तथा चरणबद्ध तरीके से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन करना है।
इस क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत घरेलू अपशिष्ट, मवेशियों तथा कृषि जनित बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट इत्यादि का समुचित प्रबंधन शामिल है। साथ ही तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत रसोई उपयोग और स्नान के बाद बचे गंदला पानी/धूसर जल, बरसाती पानी तथा सेप्टिक टैंक के ओवरफ्लो से निकले गंदे पानी/काला जल का प्रबंधन भी सम्मिलित है। इसके साथ ही व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर तथा ठोस-तरल कचड़ा प्रबंधन की परिसंपत्तियों की रिट्रोफिटिंग द्वारा निरंतर कार्यरत बनाए रखने हेतु उत्प्रेरण, ग्रामीण क्षेत्रों को प्रत्यक्ष रूप से स्वच्छ बनाया जाना, सभी ग्राम पंचायतों को वर्ष 2024 -25 तक ओडीएफ प्लस बनाया जाना तथा निर्धारित प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए ग्राम पंचायतों एवं जिला द्वारा इसकी स्वघोषणा किया जाना है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों में डब्ल्यूपीयू वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण हेतु सरकारी जमीन का चयन किया जाना है। प्राप्त मार्गदर्शिका के आलोक में प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक स्वच्छता पर्यवेक्षक, डब्लूपीयू में कचरा सेग्रेगेशन करने हेतु दो स्वच्छता कर्मी एवं प्रत्येक वार्ड में दो-दो स्वच्छता कर्मी का चयन किया जाएगा। कचरा प्रबंधन हेतु चिन्हित ग्राम पंचायतों में प्रचार-प्रसार हेतु यथा स-चित्र दिवाल लेखन, नुक्कड़ नाटक, होर्डिग बोर्ड, फिल्म प्रदर्शन, रात्रि चौपाल के माध्यम से विभीगीय दर पर प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश प्राप्त है। उल्लेखनीय है कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण (2020/21-2024/25) ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन ओडीएफ प्लस विषय पर जिला स्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण-सह- कार्यशाला का आयोजन 3 जनवरी को किया गया था।
बैठक में निदेशक डीआरडीए सह सचिव, जिला जल एवं स्वच्छता समिति, किशनगंज विकास कुमार द्वारा एजेंडावार प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया,इस पर सभी सदस्य की सहमति प्राप्त हुआ और सदस्यो से प्राप्त सुझाव को ग्रहण किया गया।उनके द्वारा बताया गया कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के तहत हर वार्ड में ठेला गाड़ी रहेगी। कचरे को इकट्ठा करने के लिए कर्मी रहेंगे। पंचायत पंचायत स्तर पर एक-एक ई-रिक्शा रहेगा। वार्ड स्तर पर संग्रहण केंद्र बनाए जाएंगे।प्रत्येक पंचायत में एक स्वच्छता पर्यवेक्षक रहेंगे। प्रखण्ड और जिला स्तर पर वाररूम कार्यरत रहेगा। प्रत्येक घर को दो-दो डस्टबिन दिया जाएगा। ये सभी कार्य चिन्हित 30 पंचायतों में किए जा रहे हैं।
किशनगंज के 5 और कोचाधामन के 5 पंचायत, बहादुरगंज के 4, दिघलबैंक के 5, पोठिया के 4, ठाकुरगंज के 4 तथा टेढागाछ के 3 पंचायत सम्मिलित है। विभागीय निदेशानुसार 2011 की जनसंख्या में 25% की वृद्धि करते हुए हाउसहोल्ड और वार्ड की जनसंख्या निर्धारित की गई है। उक्त अवसर पर उप विकास आयुक्त सह उपाध्यक्ष, जिला जल एवं स्वच्छता समिति, किशनगंज मनन राम द्वारा बताया गया कि ओडीएफ प्लस अंतर्गत 30 पंचायत को चिन्हित करते हुए कार्य योजना बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्य हेतु प्रखंड स्तर पर प्रखंड समन्वयकों का प्रारंभिक तौर पर उन्मुखीकरण कराया जा चुका है, जो वार्षिक कार्य योजना तैयार कर इसे क्रियान्वित कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला में 252 सामुदायिक स्वच्छता परिसर पूर्व से ही निर्मित है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना के सफल संचालन हेतु विभिन्न प्रकार के विभागों जैसे मनरेगा, कृषि, जीविका, पंचायत राज एवं अन्य डेवलपमेंट पार्टनर के साथ अभिसरण किया जाएगा। सभी डीपीआर पर प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुआ। एक ग्राम पंचायत का डीपीआर लगभग 50-75 लाख के बीच रहा। उपकरण और सामग्री की गुणवत्ता और दर में एकरूपता रखने हेतु जिला स्तर पर टेंडर कर क्रय किए जाने पर सहमति प्राप्त हुई।योजना हेतु डेडिकेटेड एक मॉनिटरिंग सेल का गठन, शिकायत निवारण प्रक्रिया, प्रशिक्षण कोषांग गठन पर प्रस्ताव अनुमोदित किया गया। गांव के सभी घरों में सभी विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायत भवन में महिला एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग कार्य शौचालय की सुलभता, गांव में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था पर विस्तार से परिचर्चा किया गया। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट निर्माण पर विचार विमर्श किए गए। बैठक में उप विकास आयुक्त मनन राम, सिविल सर्जन, निदेशक डीआरडीए, जिला समन्वयक एलएसबीए, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा, डीपीएम जीविका, कार्यपालक अभियंता मनरेगा, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी, डीपीओ आईसीडीएस, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे।