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ठाकुरगंज के मल्लाहपट्टी में स्थापित मां दुर्गा की सातवें स्वरूप कालरात्रि की दर्शन पूजन करने उमड़ी भक्तों की भीड़

सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।

चैत्र नवरात्र के सातवें दिन महाशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। शुक्रवार को नगर पंचायत ठाकुरगंज के वार्ड नं 8 में अवस्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर मिलन संघ मल्लाहपट्टी (ठाकुरगंज) में सार्वजनिक रूप से आयोजित हो रही चैत्र नवरात्र में श्रद्धालुओं ने सुबह से ही मां दुर्गा की दर्शन -पूजन तथा आराधना की। पुरोहित मुकुल भट्टाचार्य ने व्रतधारी श्रद्धालुओं के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।
मंदिर के पुरोहित मुकुल भट्टाचार्य ने बताया कि महासप्तमी के अवसर पर मां के साधकों ने मन सहस्रार चक्र को विराजमान कर पूजा किया। इस चक्र के बनने से ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही प्रदान करती हैं। देवी कालरात्रि का शरीर रात के अंधकार की तरह काले होते हैं। इनके बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत के समान चमकने वाली माला धारण करती है। इनके चार हाथ है जिसमें इन्होंने एक हाथ में कटार तथा एक हाथ में लौह कटक खड्ग धारण करती है। इसके अलावा इनके दो हाथ वर मुद्रा और अभय मुद्रा में है। इनके तीन नेत्र है और इनके श्वास से अग्नि निकलती है। कालरात्रि का वाहन गर्दभ है।

उन्होंने कहा कि मां कालरात्रि की पूजा करने से काल का नाश होता है। इसी वजह से मां के इस रूप को कालरात्रि कहा जाता है। असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए देवी दुर्गा ने अपने तेज से इन्हें उत्पन्न किया था। इनकी पूजा शुभ फलदायी होने के कारण माता को शुभंकारी भी कहते हैं।
पुरोहित मुकुल भट्टाचार्य ने बताया कि शनिवार को मां के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना व पूजा-अर्चना की जाएगी। रविवार को रामनवमी है। रामनवमी के दिन मां के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की आराधना एवं पूजा-अर्चना की जाएगी।

इस अवसर पर शहर के सैकड़ों श्रद्धालु महाआरती पर शामिल हुए व प्रसाद ग्रहण किया। दुर्गापूजा आयोजन को सफल बनाने में मंदिर कमिटी के वरिष्ठ सदस्य वरुण दत्ता, सुबोध मंडल, काजल दत्ता, राजेश्वर प्रसाद साह, श्याम बाबू कामती, राम गिरी, दिलीप कर्मकार, सजल दत्ता, श्रवण कर्मकार, सूरज साह, दीपक साह, चंदन साह, मिटू साहा, सोनू साह, स्थानीय पुरोहित सचिन पांडे आदि ने अपनी ज़िम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया।


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