बीरबल महतो,ठाकुरगंज डॉट कॉम।
गर्मी का मौसम हो या सर्दी का,अपने परिश्रम से ठाकुरगंज नगर के 85 वर्षीय भागवत प्रसाद सिंह ने खेतों को इस तरह सींचा है कि हर मौसम में उसका खेत हरा भरा नजर आता है। नगर पंचायत के वार्ड नं0 दो में करीब 40 एकड़ में फैले इनके चायबागान में 03 हजार से भी अधिक तेजपत्ता की पेड़ लगा हरियाली तो फैलाती ही है, इसके साथ-साथ किसानों को व्यवसायिक लाभ पहुंचाने का मार्ग भी दिखाए है। कृषि विभाग से सेवानिवृत्त के उपरांत अपने 25 वर्ष के अनुभवों को भागवत प्रसाद सिंह ने प्रयोग के तौर पर अपने चाय बागान में छायादार वृक्ष लगाने के स्थान पर तेजपत्ता के पौधे लगाए एवं वर्तमान समय में चाय से भी अधिक फायदे तेजपत्ता की खेती से उठा रहे हैं।चायबागान की खेती में किये खर्च से ही तेजपत्ते उगाने की, इनकी अनूठी पहल से स्थानीय किसानों के साथ-साथ दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्र के किसान तेजपत्ते लगाने के गुर सीखने आये और देखते-देखते प्रखंड क्षेत्र में लाखों तेजपत्ते के पौधे लग गए। प्रखंड के सैकड़ों किसानों ने अपने बंजर पड़े जमीन पर तेजपत्ता का पौधा लगाकर अच्छा मुनाफा कमाने रहे हैं,जहां इन बंजर जमीन में कुछ नहीं होता था आज सैकड़ों एकड़ जमीन में तेजपत्ता के पेड़ लहलहा रहे हैं। तेजपत्ता का पौधा लगने से क्षेत्र में हरियाली में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। जहां प्रांत के अन्य क्षेत्र ग्लोबल वार्मिंग से त्रस्त है वहीं ठाकुरगंज प्रखंड में हरियाली के कारण यहाँ का वातावरण अन्य क्षेत्रों से भिन्न है।

इस बावत सेवानिवृत्त कृषि पदाधिकारी व कृषक भागवत प्रसाद सिंह बताते है कि मैंने तेजपत्ता की खेती करने के संबंध में जानकारी हासिल की तो पता चला कि ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र भौगोलिक दृष्टिकोण से तेजपत्ता की खेती के लिए काफी अनुकूल है।चाय की खेती के लिए छायादार वृक्ष लगाने पड़ते हैं।ऐसी स्थिति में तेजपत्ता लगाने के लिए मैंने नगर क्षेत्र में 40 एकड़ में लगे अपने चायबागान में इस पौधे को लगाया।इसकी खेती के लिए अलग से खाद-पानी नहीं देनी पड़ती है।चाय की खेती में दिये गए खाद्य-पदार्थ से तेजपत्ता को सारे खुराक मिल जाते है। इसमें अलग से खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।ये बताते है कि तेजपत्ता की खेती के बाद प्रखंड क्षेत्र में हरियाली बढ़ी और किसानों को प्रत्येक वर्ष एक तेजपत्ता के पेड़ से दो हजार रुपये तक की आमदनी होने लगी।इसका परिणाम ऐसा निकला कि राज्य में तेजपत्ता का एकमात्र उत्पादन क्षेत्र ठाकुरगंज प्रखंड प्रमुखता से सबों के सामने आया है।हरियाली के प्रति लगाव ने उसे प्रकृति से जोड़ा ही,साथ ही यहां के किसानों को आर्थिक आमदानी का मार्ग दिखाया है।कृषि को ही अपना आमदनी का जरिया बनाने वाले किसान भागवत प्रसाद सिंह का परिश्रम ही है कि उसके खेत में साल भर हरियाली नजर आती है और साथ ही अच्छी आमदनी किसान उठा रहे है।इस कारण क्षेत्र में सैकड़ों किसानों के लिये ये प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।भागवत प्रसाद सिंह को तेेेजपत्ते की खेती में इस इलाके को राष्ट्रीय पटल पर ला कर खड़ा कर जिले को एक और नयी पहचान दिलाने का श्रेय जाता है।
