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ठाकुरगंज भाजपा उपाध्यक्ष श्रीमती आशालता हेम्ब्रम के आवास में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई बिरसा मुंडा जी की जयंती

Nov 15, 2021

सारस न्यूज़ टीम, ठाकुरगंज।

ठाकुरगंज नगर स्थित वार्ड नंबर 01 स्थित भाजपा नगर उपाध्यक्ष श्रीमती आशालता हेम्ब्रम के आवास में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई बिरसा मुंडा जी की जयंती। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव गुप्ता ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुंडा जी के तैलीयचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।

भाजपा नेत्री नगर उपाध्यक्ष आशालता हेम्ब्रम एवं भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव गुप्ता ने बिरसा मुंडा जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनका जन्म मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता-सुगना पुर्ती और माता-करमी पुर्ती के सुपुत्र बिरसा पुर्ती (मुंडा) का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखण्ड के खुटी जिले के उलीहातु गाँव में हुआ था, जो निषाद परिवार से थे। साल्गा गाँव में प्रारम्भिक पढाई के बाद इन्होंने चाईबासा विधालय में पढ़ाई की।

ये हमेशा ब्रिटिश शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचते रहते थे। उन्होंने लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति पाने के लिये अपना नेतृत्व प्रदान किया।1894 में छोटानागपुर में भयंकर अकाल और महामारी फैली हुई थी। बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की। अक्टूबर 1894 को नौजवान नेता के रूप में सभी मुंडाओं को एकत्र कर इन्होंने अंग्रेजो से लगान (कर) माफी के लिये आन्दोलन किया। मुंडा विद्रोह को उलगुलान नाम से भी जाना जाता है। 1895 में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और हजारीबाग केन्द्रीय कारागार में दो साल के कारावास की सजा दी गयी। लेकिन बिरसा और उसके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करने की ठान रखी थी और जिससे उन्होंने अपने जीवन काल में ही एक महापुरुष का दर्जा पाया। उन्हें उस इलाके के लोग “धरती आबा” के नाम से पुकारा और पूजा करते थे। उनके प्रभाव की वृद्धि के बाद पूरे इलाके के मुंडाओं में संगठित होने की चेतना जागी। जनवरी 1900 डोम्बरी पहाड़ पर एक और संघर्ष हुआ था जिसमें बहुत सी औरतें व बच्चे मारे गये थे। उस जगह बिरसा अपनी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। बाद में बिरसा के कुछ शिष्यों की गिरफ़्तारियाँ भी हुईं। अन्त में स्वयं बिरसा को भी 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर के जमकोपाई जंगल से अंग्रेजों द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया। जेल में उन्हे हैंजा हो गया और 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी मृत्यु. हो गई। बिरसा ने अपनी अन्तिम साँसें राँची कारागार में लीं। 10 नवंबर 2021 को भारत सरकार ने 15 नवंबर यानी बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। कार्यक्रम में भाजपा नगर उपाध्यक्ष जनश्रुति कुमार, नगर महामंत्री संदीप शर्मा, साहेब सोरेन,बेरोनिका सोरेन, मुंसी हेंब्रम, संजय मरांडी, कंचन मरांडी सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।

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