बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
मंगलवार को नगर स्थित डीडीसी मार्केट के प्रांगण में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार राजस्वा समिति पटना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 के तहत आशी कला केंद्र, मुंगेर द्वारा कोरोना वैक्सीन नेशन को लेकर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। नुक्कड़ नाटक की टीम के द्वारा नगर पंचायत ठाकुरगंज स्थित बीच बाजार में अवस्थित डीडीसी मार्केट में जनसमूहों के बीच में नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन कर लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया। आशी कला केंद्र मुंगेर के द्वारा प्रचारात्मक सांस्कृतिक प्रस्तुति के दौरान टीम लीडर मो नसीम ने इस नाटक की सारांश के बारे बताया कि – एक गांव में राजू और सोहन दोनों टीका के डर से भागने लगते हैं, उनके काका ने पूछा कि दोनों क्यों भाग रहे हो तो राजू ने बताया कि देखो ना गांव में टीका देने के लिए आया है, तो उसके काका और समाज सेवक ने बताया कि इस टीका से भागना नहीं है। हम लोग इसका महीनों से इंतजार कर रहे थे।
कोरोना वायरस एक जानलेवा बीमारी है, इससे बचने के लिए टीका बहुत जरूरी है। सोहन अपने घर में जाकर पत्नी को बताता है कि देखो ना टीका देने वाला है, हम लोग छुप जाओ। उसकी पत्नी समझदार है, पढ़ी लिखी है। वह बताती है कि टीका से भागना क्यों है। टीका तो जीवन रक्षक के लिए बनता है। कोरोना बीमारी से बचना है तो टीका हम लोगों को लगाना होगा। हम लोग पूरे परिवार मिलकर चलेंगे और टीका हंसी खुशी से लगवा लेंगे। लेकिन उसका पति उसके बात पर विश्वास नहीं करता है। इसके बाद एक गीत है, ”जिसके लिए था इंतजार वो वैक्सीन आ गई, वो वेक्सीन आ गई।” पत्नी के समझाने पर सोहन जो उसका पति है नहीं मानता है। उसके परिवार में पत्नी और 06 बेटा बेटी टीका लगवा लेते हैं लेकिन हठी और जिद्दी पति टीका केंद्र पर नहीं गया और टीका भी नहीं लगाया। 10 दिन के बाद उसका पति संक्रमित हो गया। लाख दिखाने के बाद भी पति ठीक नहीं हुआ और अंत में उसका निधन हो गया। पति के निधन के बाद उसकी पत्नी काफी उदास हुई। वह काफी दुखी थी। लेकिन उन्होंने गांव वालों से कहा कि यदि मेरे पति समय पर कोरोना वायरस का टीका लगा लेते तो आज भी जीवित रहते। इसलिए मैं सभी गांव वालों से यही कहूंगी कि जीना है तो टीका जरूर लगवा लो। वहीं इस टीकाकरण जागरूक नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम में टीम की सदस्य तौसीफ अली, मोहसिन अहमद, मोहम्मद इम्तियाज, रंजीत कुमार, भरत कुमार, परशुराम कुमार, खुशबू कुमारी, रुखसाना बेगम, जूही बेगम, मोहन कुमार आदि ने भाग लिया।