बीरबल महतो, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
प्रखंड ठाकुरगंज में आठवें चरण में आगामी 24 नवंबर को होने वाले 21 ग्राम पंचायतों के चुनाव में कुल 672 पदों में से 607 पदों पर मतदान होना है। ज्यों-ज्यों मतदान का समय नजदीक आता जा रहा है, त्यों-त्यों विभिन्न पदों के 2353 प्रत्याशियों के दिल की बेचैनी बढ़ने लगी है। हालांकि, दीपावली व महापर्व छठ के कारण प्रत्याशियों में प्रचार-प्रसार की वह रफ्तार नहीं पकड़ी थी पर प्रखंड में महापर्व के बाद प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार-प्रसार का जोड़ पकड़ रहा है और सभी चुनावी मोड में आ रहे है।
मतदान के करीब दस ही दिन बचे हैं, पर प्रत्याशी के द्वारा चल रहे धुआंधार प्रचार प्रसार में मतदाताओं की चुप्पी से भी इनकी नींद हराम हो गयी है। मतदाताओं द्वारा खुलकर कुछ नहीं बोलना, खासकर निवर्तमान मुखिया को संशय में डाल रहा है। निवर्तमान मुखिया को यह डर सता रहा है कि अब तक जिला के तीन प्रखंडों किशनगंज, टेढ़ागाछ व दिघलबैंक में हुए पंचायत चुनाव में मतदाताओं ने अधिकांश नये चेहरे को पसंद किया है। जिससे निवर्तमान जन प्रतिनिधियों का चेहरा उतरा हुआ है। राजनीति के कई धुरंधर खिलाड़ी भी मान रहे हैं कि मतदाताओं का खुलकर कुछ न बोलना खल रहा है। कहीं मतदाताओं की चुप्पी खतरे का संकेत ना हो। फिर भी इस बीच पंचायत के विभिन्न पदों के निवर्तमान प्रतिनिधि, पूर्व प्रतिनिधि व अन्य संभावित दावेदार अपनी-अपनी गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। चुनावी वैतरणी पार करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसको लेकर निवर्तमान प्रतिनिधि अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रहे हैं, तो विपक्षी तमाम खामियां को गिनाते हुए लोगों को अपने पक्ष में करने में लगे हुए हैं। विपक्षी उम्मीदवार पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, आवास, शौचालय, गली-नाली, जल-नल आदि की व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बनाकर लोगों को गोलबंद करने में जुट गए हैं। वहीं प्रखंड के सभी 21 पंचायत के गांवों में गांव की सरकार चुनने के लिए ग्रामीण चौपाल और बैठकी लगाकर चुनावी चर्चा कर रहे हैं। गांव के चौक चौराहा गली मोहल्ले मैं चुनावी चर्चा तेज हो गई है। सुबह और शाम गांव और पंचायत में बैठकी के दौरान पंचायत चुनाव पर ही चर्चा हो रही है। सभी लोग वोट का जोड़-घटाव कर रहे हैं। इधर वोटर भी चतुराई से अपने बीच आने वाले एक पद के अनेकों दावेदार को अपना समर्थन देने की बातें करते हैं। प्रत्याशियों द्वारा भी अलग-अलग टोली बनाकर डोर टू डोर प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है और मतदाताओं को रिझाने में हर हथकंडे प्रत्याशी अपना रहे हैं। इस दौरान महिला आरक्षण के कारण बड़ी संख्या में महिला प्रत्याशी भी खड़े हैं जो इस अभियान में अपनी भी भागीदारी निभा रही है। दूसरी तरफ विभिन्न राजनीतिक दलों के अधिकारी भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों पर अपनी दावेदारी पेशकर भाग्य आजमा रहे हैं।
