बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन) योजना शुरू की जायेगी। इसके लिए प्रखंड चार ग्राम पंचायतों में यह योजना क्रियान्वित की जायेगी। योजना के तहत तालाबों में जानेवाले दूषित पानी से कचरा साफ किया जायेगा। नालियों का निर्माण और मरम्मत कर दूषित जल की निकासी वैज्ञानिक तरीके से की जायेगी। उक्त बातों की जानकारी बीडीओ ठाकुरगंज सुमित कुमार ने देते हुए बताया कि में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 में खुले में शौच मुक्ति के स्थायित्व, समुदाय में व्यवहार परिवर्तन, छूटे घरों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के साथ-साथ गांव स्तर तक ठोस व गीला कचरा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फेज-2 में प्रखंड के 04 पंचायतों पटेशरी, दल्लेगांव, भातगांव एवं सखुआडाली में ठोस व गीला कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ठोस व तरल अवशिष्ट प्रबंधन सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार योजना के अंतर्गत सात निश्चय पार्ट टू में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज -2 में इन ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु सूचना, शिक्षा एवं संचार के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन, चिन्हित नए परिवारों एवं छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता प्रदान की जाएगी। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा प्रखंड के इन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्ति के स्थायित्व सहित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देने में ठोस व तरल अवशिष्टों का प्रबंधन बेहद जरूरी है। इसे करने के तौर तरीकों पर सभी को गौर करना होगा। इससे प्रखंड के इन चार पंचायतों के बाद सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छ गांव समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार किया जा सकेगा। सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार अंतर्गत सात निश्चय 2 में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन चारों पंचायत में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन) प्लांट की स्थापना कर प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। वार्ड स्तर पर नालों एवं गलियों की सफाई कराई जाएगी। प्रत्येक घर से ठोस कचरे का संग्रहण किया जाएगा तथा उनका उपयोग तकनीक के माध्यम से निस्तारण किया जाएगा। नालों के अंत में निकले हुए गंदे जल का उपयोग तकनीक के माध्यम से ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी। इसके अंतर्गत सात निश्चय के तहत पूर्व से निर्मित हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां एवं हर घर शौचालय आदि की योजनाओं का पूरा रख-रखाव किया जाएगा। ठोस कचरा को दो श्रेणियों सूखा व गीला कचरा में विभाजित किया जाएगा।
अभियान के तहत 70 फीसद की राशि केंद्र सरकार व 30 फीसद 15 वीं वित्त आयोग की राशि से खर्च की जाएगी। अभियान के तहत छूटे हुए परिवारों का सर्वे कर व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण भी करवाया जाएगा। वर्तमान में जिन 04 पंचायतों में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है, इन पंचायतों का जमीन के साथ प्रस्ताव लिया जाएगा एवं जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में अनुमोदन किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के फेज-1 में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के साथ-साथ सामुदायिक स्वच्छता परिसर का भी निर्माण कार्य कराया गया था। उक्त चार पंचायत स्तर पर संबंधित मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, पंचायत रोजगार सेवक, किसान सलाहकार, कार्यपालक सहायक, प्रखंड समन्वयक, स्वच्छाग्रही आदि का कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
