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ठाकुरगंज में 06 घण्टे का अखंड बाबा नाम केवलम संकीर्तन का आयोजन। कीर्तन महिमा पर दिए गए प्रवचन

Dec 19, 2021

बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।

रविवार को आनंदमार्ग प्रचारक संघ ईकाई ठाकुरगंज की ओर से वार्ड नं एक स्थित गाड़ीवान मुहल्ला में संघ के भुक्ति प्रधान सुमन भारती के आवास पर 06 घंटे का बाबा नाम केवलम अष्टाक्षरी मंत्र का जाप कर अखंड संकीर्तिन का आयोजन किया गया। इस  संकीर्तन में आनंदमार्गियों द्वारा श्री श्री आनंदमूर्ति के तैल चित्रों की परिक्रमा कर बाबा का अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र के बोल के साथ भक्ति के सागर में डूबे रहे।आनंदमार्गी बाबा के इस मंत्र को आत्मसात कर 06 घण्टे तक परिक्रमा की। बाबा के भक्त कीर्तन मंडली में बारी बारी कर बाबा नाम केवोलम गाकर झूम रहे थे। इस दौरान आनंदमार्ग  प्रचारक संघ के भुक्ति प्रधान सुमन भारती ने बताया कि बाबा नाम केवलम बाबा शब्द संस्कृत के बप्र धातु से आया है, जिसका अर्थ होता है सबसे अधिक प्यारा। इस विश्व ब्रह्मांड के सबसे परम पूज्य परमात्मा हैं जो पूर्व में भी उसके साथ थे, वर्तमान में भी हैं तथा भविष्य में भी रहेंगे।उन्हें बाबा के नाम से पुराकरते है।

नाम केवलम का अर्थ है केवल उन्हीं के नाम का गुणगान करने से है। इस मौके पर बहादुरगंज के सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर अमर प्रसाद सिंह ने कीर्तन महिमा पर प्रवचन देते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में एक ही अवलंब होता है और वो है ईश्वर। व्यक्ति ज्ञान, कर्म और भक्ति के कई मार्गों से ईश्वर को पाने का प्रयास करता है। भक्ति सर्वश्रेष्ठ मार्ग है और भक्ति से ईश्वर को पाना सबसे सरल होता है। भक्ति और एकाग्रता के लिए भजन, कीर्तन और स्मरण जैसी तमाम चीज़ों का सहारा लिया जाता है। भजन और कीर्तन से मन की अवस्था बहुत तेजी से उन्नत हो जाती है। इसके बाद अगर ध्यान किया जाए या प्रार्थना की जाए तो वह तुरंत पूरी होती है। कीर्तन के सही प्रयोग से व्यक्ति को रोगों तथा मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती हैं। कीर्तन में व्यक्ति ईश्वर के नाम का मंत्र जपता है और इसका प्रभाव अद्भुत होता है। कीर्तन के बाद उपासना जरूरी होती है और कीर्तन किसी मंत्र विशेष का उच्चारण है। 
वहीं इस कार्यक्रम में अंचल निरीक्षक अजय कुमार सिंह, राजीव रंजन, रंजीत सरकार, गौरंग सिंह, चयन कुमार, विधानाथ यादव, मधुमय भारती, कुंदन गुप्ता, प्रकाश मंडल, कृष्ण प्रसाद सिंह, अमोद साह, नीरज यादव, हेमा देवी, मंगला देवी, पुष्पा देवी, सरस्वती देवी, चंद्रमाया देवी, कमला देवी, लक्ष्मी देवी, कमला देवी सहित नगर के अलावे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के आनन्दमार्गी शामिल हुए।

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