सारस न्यूज, किशनगंज।
पूरी दुनिया में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद तंबाकू के उपयोग से जुड़े खतरे को उजागर करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को बढ़ावा देता है और सरकारों को ऐसी नीतियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों के उपयोग को कम करने में मदद करती हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस मौके पर सारस न्यूज से बातचीत करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ठाकुरगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आदित्य कुमार झा ने कहा कि डब्लूएचओ के मुताबिक, तंबाकू के सेवन से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग मरते हैं। किसी भी तरह के तंबाकू का सेवन करने से फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है और सांस की बीमारियों की गंभीरता बढ़ जाती है। तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।
उन्होंने बताया कि शौक में शुरू किया गया तंबाकू, गुटखे, सिगरेट आदि का सेवन आदत बनने के बाद जीवन के लिए खतरा बन जाता है। तंबाकू के आदत के शिकार लोग अस्पतालों में सिर और गले के कैंसर से काफी मरीज पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति, कुछ दवा और काउंसिलिंग की मदद ली जाए तो तंबाकू को छोड़ा जा सकता है।
इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम:-
हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम पर्यावरण की रक्षा करें, है। इस साल की थीम पर्यावरण पर तंबाकू के प्रभाव पर केंद्रित है।
तंबाकू के सेवन से हो सकती हैं कई बीमारियां:-
डॉ आदित्य कुमार झा ने कहा कि तंबाकू सेवन से कैंसर, स्ट्रोक, और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। लोगों के बीच तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित कर जागरूक व शिक्षित करनेकी आवश्यकता है। यदि कोई धूम्रपान, तंबाकू उत्पादों का सेवन करना छोड़ देते हैं तो उन्हें तत्कालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
