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ताराचंद धानुका एकेडमी में एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा कार्यशाला का आयोजन

सारस न्यूज़ टीम, किशनगंज।

शनिवार को आयुष मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के तत्त्वाधान में ताराचंद धानुका एकेडमी के प्रांगण में शारीरिक प्रतिरक्षा को बढ़ाने देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। समाधान कायाकल्प केन्द्र, पिपरीथान (ठाकुरगंज ) के निदेशक व प्राकृतिक चिकित्सक डॉ मंडेला सरजू एवं डॉ नीलम सरजू ने कार्यशाला में मौजुद स्कूल के बच्चें व शिक्षक को प्राकृतिक चिकित्सा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। प्राकृतिक चिकित्सक डॉ मंडेला सरजू ने बताया कि राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के द्वारा प्रत्येक महीने के तीसरे शनिवार को नेचुरोपैथी पर एक मासिक कार्यशाला का आयोजित की जाती हैं। इस दौरान उन्होंने पंचतत्वों के माध्यम से रोगों की चिकित्सा व उपचार की सहज विधि से योग व प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा स्वस्थ बने रहने का सूत्र बताया। उन्होंने शारीरिक प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए अपने जीवन शैली में प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने के लिए विशेष मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा उपचार की एक प्राचीन गैर-आक्रामक तर्कसंगत प्रणाली है जो शरीर के आत्म-उपचार क्षमता, जीवन शक्ति और विषाक्तता के सिद्धांत के आधार पर प्राकृतिक तत्वों का प्रयोग करती है। इसके अलावा नेचुरोपैथी कई उपचारों को अपनाती है जिसमें जड़ी-बूटियाँ, मालिश, व्यायाम और पोषण संबंधी परामर्श शामिल हैं। नेचुरोपैथी के अंतर्गत आने वाले कुछ लोकप्रिय थेरेपी हैं- मड थेरेपी, मैनिपुलेटिव थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी, एक्यूपंक्चर, हाइड्रोथेरेपी, कीमोथेरेपी, फिजियोथेरेपी, व्यायाम, योग थेरेपी और चुंबकीय थेरेपी। 

डॉ नीलम सरजू ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी ऐसे कार्यशाला आयोजित करता है जो विशुद्ध रूप से आम जनता के लिए विभिन्न बीमारियों की प्रक्रिया को प्रदर्शित करने पर आधारित है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन, ताजे फल तथा कच्ची व हलकी पकी सब्जियाँ विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा  निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिए वरदान है। इस चिकित्सा से दबे रोग भी उभर कर ठीक हो जाते है तथा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक चारों पक्षों की चिकित्सा एक साथ की जाती है।

इस कार्यशाला में विद्यालय के प्राचार्य कपिलेश्वर पाठक, प्रबंधक दीनानाथ पाण्डेय, नेचरो चिकित्सक डॉ तन्मय सरजू आदि सहित बड़ी संख्या में स्कूल के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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