अलुआबाड़ी-सिल्लीगुड़ी रेलखंड में अवस्थित कटिहार डिवीजन का तैयबपुर रेलवे स्टेशन का रेलवे प्रशासन की उदासीनता के कारण स्थानीय लोग काफी अपेक्षित महसुस कर रहे है। आमान परिवर्तन से पुर्व ग्रेड बी दर्जा प्राप्त तैयबपुर रेलवे स्टेशन पर दोनों ओर की 18 ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था। लेकिन वर्तमान में महज तीन पैसेंजर ट्रेन का ही ठहराव हो रहा है। आमान परिवर्तन के बाद अपेक्षित विकास न करते हुए सुविधाओं में कटौती किए जाने को ले तैयबपुर रेलवे स्टेशन में रेल यात्री संघर्ष समिति ने पूर्व की भांति तैयबपुर रेलवे स्टेशन को ग्रेड बी का दर्जा देते हुए इस रेलखंड में चलने वाली मेल ट्रेनों के ठहराव की मांग रेल प्रशासन से की है। इस संबंध में रेल यात्री संघर्ष समिति तथा जिप सदस्य निरंजन राय, तैयबपुर निवासी विद्याधर झा, गोविद यादव, अनिल चौधरी, मदन पांडेय, श्याम ठाकुर आदि ने बताया कि मालगाड़ियों में यहां से अधिकांश जुट ले जाया जाता था। जो देश के अलग अलग शहरों में पहुंचाया जाता था। यहां माल गोदाम भी हुआ करता था जो तमाम सुविधाओं से लैस था।
अलुआबाड़ी-सिलीगुड़ी रेलखंड का वर्ष 2007 में पुन: आमान परिवर्तन कर बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) में परिवर्तन किया गया। तब से तैयबपुर रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों के लिए दुर्भाग्य रहा कि तीसरी आमान परिवर्तन में तैयबपुर रेलवे स्टेशन से ग्रेड बी का दर्जा हटा इसे हाल्ट स्टेशन में डिमोशन कर दिया गया। वहीं रेल यात्री संघर्ष समिति के निरंजन राय व स्थानीय लोगों ने मुख्य रूप से इंटरसिटी ट्रेन व बालूघाट ट्रेन की ठहराव की मांग सहित स्टेशन परिसर में यात्रियों की ठहराव को लेकर विभिन्न सुविधाओं की मांग की है। रेल यात्री संघर्ष समिति के अहम सदस्य व जिला परिषद सदस्य निरंजन राय ने कहा कि जनहित की हमारी यह मांगे अगर जल्द पूरी नहीं होगी तो हम सभी आंदोलनात्मक रूप अपनाने को बाध्य होंगे।
बताते चलें कि अलुआबाड़ी-सिलीगुड़ी रेलखंड स्थित तैयबपुर रेलवे स्टेशन पर छोटी लाइन की ट्रेनें चलती थी। उस समय तैयबपुर रेलवे स्टेशन जंक्शन के रूप में जाना जाता था। छोटी लाइन का वर्ष 1966 के दौरान अमान परिवर्तन कर मीटर गेज में परिवर्तित किया गया था। उस दौरान भी तैयबपुर रेलवे स्टेशन सभी सुविधाओं से लैस था। इसे बी ग्रेड का दर्जा प्राप्त था। उस वक्त तैयबपुर रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर से लेकर एक्सप्रेस सहित 18 ट्रेनों का ठहराव होता था।
सारस न्यूज, किशनगंज।
अलुआबाड़ी-सिल्लीगुड़ी रेलखंड में अवस्थित कटिहार डिवीजन का तैयबपुर रेलवे स्टेशन का रेलवे प्रशासन की उदासीनता के कारण स्थानीय लोग काफी अपेक्षित महसुस कर रहे है। आमान परिवर्तन से पुर्व ग्रेड बी दर्जा प्राप्त तैयबपुर रेलवे स्टेशन पर दोनों ओर की 18 ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था। लेकिन वर्तमान में महज तीन पैसेंजर ट्रेन का ही ठहराव हो रहा है। आमान परिवर्तन के बाद अपेक्षित विकास न करते हुए सुविधाओं में कटौती किए जाने को ले तैयबपुर रेलवे स्टेशन में रेल यात्री संघर्ष समिति ने पूर्व की भांति तैयबपुर रेलवे स्टेशन को ग्रेड बी का दर्जा देते हुए इस रेलखंड में चलने वाली मेल ट्रेनों के ठहराव की मांग रेल प्रशासन से की है। इस संबंध में रेल यात्री संघर्ष समिति तथा जिप सदस्य निरंजन राय, तैयबपुर निवासी विद्याधर झा, गोविद यादव, अनिल चौधरी, मदन पांडेय, श्याम ठाकुर आदि ने बताया कि मालगाड़ियों में यहां से अधिकांश जुट ले जाया जाता था। जो देश के अलग अलग शहरों में पहुंचाया जाता था। यहां माल गोदाम भी हुआ करता था जो तमाम सुविधाओं से लैस था।
अलुआबाड़ी-सिलीगुड़ी रेलखंड का वर्ष 2007 में पुन: आमान परिवर्तन कर बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) में परिवर्तन किया गया। तब से तैयबपुर रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों के लिए दुर्भाग्य रहा कि तीसरी आमान परिवर्तन में तैयबपुर रेलवे स्टेशन से ग्रेड बी का दर्जा हटा इसे हाल्ट स्टेशन में डिमोशन कर दिया गया। वहीं रेल यात्री संघर्ष समिति के निरंजन राय व स्थानीय लोगों ने मुख्य रूप से इंटरसिटी ट्रेन व बालूघाट ट्रेन की ठहराव की मांग सहित स्टेशन परिसर में यात्रियों की ठहराव को लेकर विभिन्न सुविधाओं की मांग की है। रेल यात्री संघर्ष समिति के अहम सदस्य व जिला परिषद सदस्य निरंजन राय ने कहा कि जनहित की हमारी यह मांगे अगर जल्द पूरी नहीं होगी तो हम सभी आंदोलनात्मक रूप अपनाने को बाध्य होंगे।
बताते चलें कि अलुआबाड़ी-सिलीगुड़ी रेलखंड स्थित तैयबपुर रेलवे स्टेशन पर छोटी लाइन की ट्रेनें चलती थी। उस समय तैयबपुर रेलवे स्टेशन जंक्शन के रूप में जाना जाता था। छोटी लाइन का वर्ष 1966 के दौरान अमान परिवर्तन कर मीटर गेज में परिवर्तित किया गया था। उस दौरान भी तैयबपुर रेलवे स्टेशन सभी सुविधाओं से लैस था। इसे बी ग्रेड का दर्जा प्राप्त था। उस वक्त तैयबपुर रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर से लेकर एक्सप्रेस सहित 18 ट्रेनों का ठहराव होता था।
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