बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बुधवार को नगर के प्रशासनिक भवन में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के ई-श्रम कार्ड पंजीयन कार्य कराने हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया गया। नगर के विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रमिकों के पंजीयन के लिए चार काउंटर बनाए गए थे। नपं अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी के देखरेख में आयोजित इस विशेष अभियान शिविर में बुधवार को 210 कामगारों का पंजीयन करवाया गया। इस मौके पर नपं अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त समाज के आखिरी पायदान पर खड़े गरीब परिवारों को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ई-श्रम कार्ड का पंजीयन करा रही हैं। पूर्व में नगरवासी कामगारों को पंजीयन कराने में कठिनाई उत्पन्न हो रही थी तो विभाग से समन्वय स्थापित कर नगर पंचायत ठाकुरगंज द्वारा विशेष शिविर आयोजित की गई हैं। अब नगर के सभी वार्डों में बारी बारी से कैंप लगा कर वंचित सभी श्रमिकों का पंजीयन कराया जाएगा। तिथि व वार्ड वार की सूचना नगरवासियों को माइकिंग कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-श्रम पर पंजीकरण करने से सरकार और असंगठित कामगारों के बीच की दूरी खत्म होगी। जिससे सरकार और उनके द्वारा वर्तमान और भविष्य में शुरू की जाने वाली योजनाएं का लाभ सीधा पहुंचेगा।
इस दौरान शिविर का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने बताया कि ई- श्रम कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है। उन्होंने सभी कामगार एवं ई-श्रम कार्ड पात्र लोगों से विशेष ड्राइव में अधिक से अधिक कार्ड बनाने के लिए अनुरोध किया ताकि भविष्य मे लोग इसका लाभ उठा सके। उन्होंने इसके फायदे गिनाते हुए कहा कि ई-श्रम कार्ड से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को जहां एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक का इलाज स्वयं और उनके परिवार का हो सकेगा, वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर दो लाख तो दिव्यांगता की अवस्था में एक से दो लाख रुपये तक की सहायता राशि मिलेगी। ई-श्रम कार्ड से आने वाले समय में सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए लाई जाने वाली किसी भी सुविधा का सीधा लाभ मिल सकेगा। इस से कौशल उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता मिल सकती है। साथ ही श्रम विभाग की समस्त योजनाओं के लिए ई-श्रम कार्ड का होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कार्ड पर यूएएन नम्बर होता है जो देश में हर जगह वैध रहेगा। यूएएन नंबर एक स्थायी नंबर होता है, जो एक बार प्रदान किए जाने के बाद यह कामगार के लिए अपरावर्तित रहेगा और जीवन भर मान्य रहेगा। रेनुवल कराने की भी कोई जरूरत नहीं होगी।
वहीं श्रमिकों के पंजीयन कार्य को सुचारू रूप से क्रियान्वित के लिए डाटा ऑपरेटर नसीम अख्तर
अभिषेक कुमार चौधरी, सरफराज आलम, अंसार गनी व फारूक आज़म ने महत्ती भूमिका निभाई।