बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
प्रखंड ठाकुरगंज में राज्य में सबसे अधिक चायपत्ती की खेती व चाय फैक्ट्री के माध्यम से चाय का उत्पादन किया जाता है। चाय उत्पादक किसान अपने खेतों में उत्पादित चायपत्ती को प्रखंड ठाकुरगंज के चार चाय फैक्ट्रियों में बेचते हैं। पर आगामी 24 नवंबर को होने वाले पंचायत चुनाव को ले प्रशासन द्वारा चायपत्ती को फैक्ट्री तक ढोने वाले वाहनों की धरपकड़ से किसान परेशान नजर आ रहे है। चायपत्ती कच्चा पत्ता होने के कारण इस हरे प्लकिंग चाय को तुरंत फैक्ट्री तक पहुंचाना अनिवार्य होता है और इसे फैक्ट्री तक पहुंचाने का एकमात्र साधन पिकअप वाहन है। चुनाव में जिले भर के लोगों के लिए यह सहारा भी छिन गया है। सभी तरह के वाहनों को चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहित कर लिए जाने से में किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। मजबूरी में चाय उत्पादक किसान चायपत्ती को तोड़ नहीं पा रहे हैं। वहीं कई किसानों ने बताया कि जो स्थिति इस बार पंचायत चुनाव में है, यह लोकसभा विधानसभा चुनाव में भी नहीं थी। पूर्व के चुनावों में चाय उत्पादक किसानों का ख्याल रखते हुए ही वाहन अधिग्रहीत किए जाते थे। चायपत्ती ढोने वाले वाहन छोड़े जाते थे। लेकिन इस बार चाय उत्पादक किसानों का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। जबकि टी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा भी 19 दिसंबर से चायपत्ती तोड़ने पर प्रशासनिक रोक लगाई गई है जिस कारण यदि जल्दी चायपत्ती न तोड़ी जाए तो अगले माह चायपत्ती तोड़ने की पाबंदी तिथि से पूर्व चायपत्ती तोड़ना मुश्किल हो जाएगा जिससे किसानों को आर्थिक क्षति होगी।
वहीं इस संबंध में बीपीआरओ सह सहायक निर्बाची पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सरकार का महत्त्वपूर्ण कार्यों में से एक चुनाव कार्य कराना भी है जिसमें वाहनों की आवश्यकता पड़ती हैं। ठाकुरगंज में 24 नवंबर को पंचायत चुनाव है जिसे देखते हुए वाहनों को लिया जा रहा है। चुनाव कार्य सही तरीके से कराने के लिए सबों का सहयोग चाहिए।