सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
प्रखंड ठाकुरगंज के तीन ग्राम पंचायत चुरली, भोलमारा एवं भोगडाबर के पंचायत भवन परिसर में गुरुवार को पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में ग्रामसभा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभुकों के सामाजिक अंकेक्षण की गयी। इस पर चुरली पंचायत में ग्राम सभा का संचालन करते हुए कृषि समन्वयक सत्येंद्र कुमार ने ग्राम सभा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे सभी किसानों का नाम पढ़कर सुनाया एवं उसका सामाजिक अंकेक्षण किया गया। इस दौरान चुरली पंचायत के लाभुकों की सूची स्थानीय जनप्रतिनिधियो को उपलब्ध कराई गई। कृषि समन्वयक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि सरकार सामाजिक अंकेक्षण के माध्यम से यह पता लगानी चाहती हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि जरूरतमंद किसानों को मिल रही है या कोई दूसरा गलत तरीके से इसका लाभ उठा रही हैं। इसलिए इस योजना का लाभ गलत तरीके से लेने वाले किसानों की सरकारी स्तर पर छानबीन की जा रही हैं और सामाजिक अंकेक्षण के दौरान ऐसे लाभुकों की पहचान की जा रही हैं। दरअसल योजना के तहत एक परिवार से एक ही व्यक्ति को इस योजना का लाभ देना है, पर कई मामले संज्ञान में आ रहे हैं कि एक ही परिवार से दो व्यक्ति (पति- पत्नी) लाभ ले रहे हैं जो गलत है। इसके अलावा भी कई ऐसे किसान हैं जो आय कर दाता हैं और उक्त योजना का लाभ उठा रहे हैं, यह भी नियमानुसार गलत है।
इस दौरान किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के सामाजिक अंकेक्षण, ई-केवाईसी, खाता का एनपीसीआई से लिंक कराने आदि की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि पूर्व से उक्त योजना से लाभान्वित हो रहे चुरली पंचायत के 457 किसानों, भोलमारा के 809 किसानों तथा भोगडाबर के 633 किसानों के नामों को पढ़कर सुनाया। जिसका सोशल ऑडिट करते हुए ग्रामसभा ने अनुमोदन किया। इस दौरान किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों से सभी आवश्यक कागजातों के साथ सीएससी पहुंच आनलाइन आवदेन सबमिट करने की बात कही। वहीं इस दौरान मुखिया बीरेंद्र पासवान ने कृषि विभाग व अंचल के कर्मियों द्वारा योग्य किसानों का आवेदन रद्द किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि आवेदनों को अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर योजना से वंचित किसानों को उचित लाभ दिलाने में सहयोग करें। इस दौरान ग्रामसभा में संबंधित पंचायत के वार्ड सदस्य, किसान सलाहकार व स्थानीय किसान मौजूद थे।