बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद किशनगंज इकाई के द्वारा मेडिकल नीट परीक्षा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण एवं आर्थिक रूप से कमजोर को 10% आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया है। इस संबंध में पूर्णियां विश्वविद्यालय संयोजक व सीनेट सदस्य तथानेहरू युवा केंद्र के महानिदेशक प्रतिनिधि रितेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा महज नारा नहीं बल्कि एक संकल्प के रूप में दिया था। उसी के मद्देनजर 27% पिछड़े वर्ग एवं 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देकर प्रधानमंत्री ने यह साबित कर दिया कि उनकी सरकार में अंतिम पायदान पर रहने वाले व्यक्ति को देखकर नीति बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग में 27% आरक्षण व 10% आर्थिक आधार पर आरक्षण देकर समाज के शोषित, वंचित और पीड़ित वर्गों को आजादी के 70 वर्षों बाद सामाजिक न्याय मिला है। कल तक इन क्षेत्रों में केवल पूंजीवादी एवं सामंतवादी लोगों का कब्जा था जो पैसे के बल पर खुद को मेरिट धारी साबित करते रहते थे। लेकिन सबों को समान अवसर देकर प्रधानमंत्री ने यह साबित कर दिया कि उनकी सरकार सबकी चिंता करने वाली एवं सब की सरकार है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट मेडिकल, डेंटल कोर्स में ऑल इंडिया कोटे के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण और आर्थिक रूप से कमज़ोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने का ऐतिहासिक फ़ैसला किया है। हर साल इससे हमारे हज़ारों युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त करने के साथ ही यह देश में सामाजिक न्याय की एक नई मिसाल बनाएगा। उन्होंने बताया कि इस फ़ैसले से एमबीबीएस में लगभग 1,500 और पोस्टग्रैजुएट में 2,500 ओबीसी छात्रों को हर साल इसका लाभ मिलेगा। वहीं ईडब्ल्यूएस वर्ग के लगभग 550 छात्रों को एमबीबीएस में जबकि 1,000 छात्रों को पोस्टग्रैजुएट की पढ़ाई में लाभ होगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रधानमंत्री के इस निर्णय का स्वागत करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।