बीरबल महतो, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
राज्य में खेल प्रतिभाओं की भरमार हैं। ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में भी कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्रीय पहचान भी बनाई है तो कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो पैसे की कमी और राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से मजदूरी करने को विवश हैं। ऐसे ही दो फुटबॉलर ठाकुरगंज प्रखंड के भातगांव पंचायत के बन्दरबाड़ी गांव के दो खिलाड़ी श्रीराम सोरेन एवं जयराम मुर्मू हैं जिनका फुटबॉल खेल में एक बड़ा नाम है। इनदोनों राज्य स्तर पर आयोजित होनेवाली संतोष ट्रॉफी, सुब्रत कप तथा मोइनुल हक स्टेडियम, पटना में आयोजित राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता भाग लेकर अपने प्रतिभा कौशल का प्रदर्शन कर प्रखंड, जिला व राज्य का नाम रोशन किया, लेकिन वर्तमान में इन प्रतिभावान खिलाड़ी अभावों में जीने को मजबूर हैं। अपना गुजार बसर करने के लिए मवेशियों के लिए घास काट रहे हैं। किसानों के खेतों में दैनिक मजदूरी व अन्य छोटे-मोटे काम कर रहे हैं। ये खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। खिलाड़ियों की ओर से लगातार सरकार से गुहार लगाई जा रही है कि उनकी ओर सरकार ध्यान दें और जो योजनाएं चल रही है उन योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द उन्हें मिले, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं जा सका है।ये राज्यस्तरीय खिलाड़ी भुखमरी की कगार पर है। घर का गुजर-बसर करने के लिए आदिवासी समुदाय के ये दोनों खिलाड़ी खेतों में हल चलाने को भी विवश हैं। इन दिनों इनकी स्थिति काफी दयनीय है। कोरोना काल से पूर्व ये दोनों खिलाड़ी पश्चिम बंगाल की बड़ी बड़ी टीमों के हिस्से भी थे और कमर्शियल प्रतियोगिता में भाग लेकर एक अच्छी खासी रकम भी अर्जित करते थे, पर कोरोना महामारी के कारण फुटबॉल प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं होने से इसकी ऐसी स्थिति उपन्न हुई हैं। सरकार की ओर से इनकी सुधि नहीं लिए जाने से आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ साथ शारीरिक क्षमताओं में भी गिरावट आ रही हैं। जबकि खेल कोटे से इन दोनों खिलाड़ियों ने बिहार पुलिस में भर्ती के लिए आवेदन भी दिए पर न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अहर्त्ता को पूरी करने पर भी खेल कोटे से आरक्षण का प्रावधान नहीं होने से इन प्रतिभावान खिलाड़ियों का सेलेक्शन नहीं हो सका।


