बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अररिया-गलगलिया निर्माणाधीन न्यू बीजी रेललाइन परियोजना अंतर्गत ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन से सटे करीब ढाई दर्जन भूस्वामियों रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा का भुगतान गत करीब तीन वर्षों से अधर में लटके रहने से आक्रोश पनप रहा है। रविवार को जब उक्त परियोजना से संबंधित कार्यकारी एजेंसी ने अधिग्रहण के लिए चिन्हित भूमि पर कार्य के लिए मशीन लगाए गए तो भूस्वामियों ने जमीन मुआवजा देने से पूर्व कार्य करने के लिए मना किया गया। जिस पर निर्माण कार्यकारी एजेंसी के कर्मियों ने सोमवार को रेलवे के अधिकारियों का स्थल निरीक्षण करने की बात कह कार्य को बंद कर दिया गया। इस संबंध में पुर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने बताया कि अधिग्रहण के लिए चिन्हित की गई भूमि का मुआवजा भुगतान मिलने से पहले कार्य प्रारंभ नहीं करने के संबंध में एनएफ रेलवे कटिहार डीविजन के सीनियर डिविजनल इंजीनियर को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त रेल परियोजना में ठाकुरगंज शहरी क्षेत्र के 25 से अधिक भूस्वामियों की भूमि का मूल्यांकन भूलवश जिला प्रशासन द्वारा काफी कम कर दिया गया है। अपने जमीन का उचित मूल्य के लिए संबंधित भूस्वामियों ने माननीय उच्च न्यायालय, पटना में रिट याचिका दायर की थी जिसे लगभग 18 माह पूर्व न्यायालय ने प्राधिकार पूर्णिया को सुनवाई एवं उचित मूल्य निर्धारण के लिए 3 महीने का समय निर्धारित करते हुए न्याय संगत आदेश देने को कहा था। प्राधिकार द्वारा जिला पदाधिकारी किशनगंज से मांग गए रिपोर्ट में जिला पदाधिकारी ने पूर्व में की गई व हुई गलती को सुधारते हुए जमीन का उचित मूल्य निर्धारण करने का आग्रह स्थानीय प्राधिकार पूर्णिया से की थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण प्राधिकार का कार्य कई महीनों से लंबित है। उन्होंने कहा कि प्राधिकार में मामला लंबित होने के बीच संवेदक उस जमीन पर कार्य प्रारंभ करने के लिए प्रयासरत है जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच कभी भी तनाव का माहौल उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक प्राधिकार का फैसला नहीं आता है तब तक संवेदक को उपजाऊ भूमि पर कार्य प्रारंभ नहीं करने का आदेश देने के लिए अनुरोध किया गया था परंतु भू- अर्जन कार्यालय, किशनगंज के द्वारा संबंधित भूस्वामी को जमीन का मुआवजा देने से पूर्व रेलवे के द्वारा कार्य प्रारंभ किए जाने पर संबंधित भू स्वामियों में रोष पनप रहा है। उन्होंने कहा कि प्राधिकार पूर्णिया से आदेश मिलने एवं संबंधित भू स्वामियों को जमीन का मुआवजा का भुगतान के बाद ही उक्त भू-भाग में कार्य की अनुमति दिया जाए। पूर्व विधायक गोपाल कुमार वालों ने बताया कि इसकी लिखित जानकारी डीआरएम कटिहार एवं जिला भू – अर्जन पदाधिकारी किशनगंज को पूर्व में दे दी गई है।
वहीं रेलवे के लिए अधिग्रहण के चिन्हित भूमि के भूस्वामी देवलाल गणेश,मनोज शर्मा, दुर्गेश पंडित, सुरेश पंडित,सुजय पंडित, विप्लव कुमार गणेश आदि सहित कई भूधारियों ने कहा कि अखबार में प्रकाशित अधिसूचना में भूमि की प्रकृति से हम भूस्वामी संतुष्ट थे। नगर पंचायत ठाकुरगंज के अंतर्गत पड़नेवाले उक्त दोनों मौजा की भूमि की प्रकृति को दो फसला यानि कृषि योग्य भूमि की प्रकृति के हिसाब से जिला प्रशासन मुआवजा की राशि देना चाह रही हैं जिसे हमलोगों को मंजूर नहीं है। इनलोगों ने बताया कि जब कोई व्यक्ति उक्त मौजा के अंदर से जमीन खरीद या बिक्री करते हैं तो निबंधन कार्यालय द्वारा न्यूनतम मूल्यांकन पंजी में दर्ज वेल्यू के हिसाब से राजस्व वसूली जाती हैं। पर अभी भूमि अधिग्रहण हेतु न्यूनतम मूल्यांकन पंजी से लगभग पांच से दस गुणा कम अधिग्रहित भूमि का मुआवजा जिला प्रशासन दे रही हैं जिसे हम लोग हरगिज नहीं मानेंगे। इस संबंध माननीय उच्च न्यायालय पटना ने प्राधिकार पूर्णिया से उक्त मामले की सुनवाई एवं उचित मूल्य निर्धारण के लिए कहा गया है, जिसका हमसभी भूस्वामी इंतजार कर है। भूस्वामियों ने आदेश मिलने के बाद ही उक्त भूमि पर कार्य कराए जाने का आग्रह जिला प्रशासन व रेलवे से की।