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विभागीय व कुछ कर्मियों के मिलीभगत व सह पर संचालित हो रहे हैं नकली खाद फैक्ट्री

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।

नकली खाद फैक्ट्री का उद्भेदन। जिले या फलका प्रखंड का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार नमक से पोटाश या महंगे कीमत वाले खाद के री पैकिंग करने जैसे नकली खाद फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ है। जिसमें खुलासा भी हुआ है कि नकली खाद सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में खुले गैर लाइसेंसी दुकानों में खुलेआम खपाया जा रहा है। सूत्रों की माने तो विभागीय कुछ कर्मियों के मिलीभगत व सह पर नकली खाद फैक्ट्री संचालित हो रहे हैं। खाद कलाबाजरी के माफिया अपना नकली खाद फैक्ट्री का ठिकाना भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में ही बनाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र गरीब व भोले-भाले जनता को प्रतिमाह मोटी रकम भाड़ा देने की लालच देकर माफिया अपना ठिकाना बनाने में सफल हो जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ठिकाना रहने के कारण न ही प्रशासन की नजर पड़ती है और यहाँ से आसानी से निर्मित नकली खाद का खपत भी हो जाता है।

विदित हो कि पिछले दिनों फलका थाना क्षेत्र के भरसिया गाँव में चुन्नू महलदार के घर पर चल रहे नकली खाद फैक्ट्री का उद्भेदन ने विभाग को एक बार फिर सकते में डाल दिया है। यहाँ भारी मात्रा में नकली खाद व री पैकिंग मशीन, ब्रांडेड खाद का खाली बोरा के साथ मौके पर गृहस्वामी सहित तीन लोग गिरफ़्तार किया गया है। इससे पूर्व भरसिया पंचायत के बलुटोला गांव में फरवरी 2015 में नमक से नकली पोटाश बनाने का फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ था। चार दिसंबर 2019 को डूमर चौक समीप एक झोपड़ी में बड़े पैमाने पर चल रही नकली खाद फैक्ट्री का उद्भेदन किया था।

खासकर रबी फसल के बोआई का मौसम शुरू होते ही पूरे क्षेत्र में कुकरमुत्ते की तरह उरवर्क रसायनों की खाद और बीज दुकानें गांव मुहल्लों के चौराहों पर खुले आम बिना अनुज्ञपति के खुल जाती है। यही नहीं इन दुकानों में अमानक उरवर्क की बिक्री हो रही है, इन सभी बातों की जानकारी कृषि विभाग के आलाधिकारी को है पर वे खामोश हैं, बता दें कि अमानक उर्वरक से जहां किसानों के फसल को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की हानी हो रही है। फलका प्रखंड के फलका बाजार, महेशपुर, शालेहपुर, भंगहा, पोठिया, भरसिया, फुटानी हाट, मोरसंडा, लक्ष्मीपुर, चातर, मघेली, फुलडोभी, ग्यारहिका, अमोल झगरुचक रहटा, बरेटा, पिरमोकाम आदि गांवों में बिना अनुज्ञपति के दर्जनों उर्वरक की दुकानें खुले आम चल रही है। यही नहीं सरकार द्वारा तय रेट से कई गुना अधिक रेट पर उर्वरक की बिक्री होती है।

कहने को तो पैक्स के माध्यम से किसानों को सरकारी मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने की योजना है परंतु कोई भी पैक्स किसानों को उर्वरक उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। जिस कारण किसानों में सरकार व विभाग के प्रति नाराजगी व्याप्त है।किसान बताते हैं कि अगर सरकार योजना को सही ढंग से लागू नहीं कर सकती है तो घोषणा ही नहीं करे, बहरहाल किसानों के इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है। सूत्रों पर यकीन करें तो विभगीय पदाधिकारियों द्वारा इन बगैर अनुज्ञपति धारी खाद दुकानदारों से प्रति माह बंधी बधाई राशि की वशूली की जाती है। और जांच के नाम पर महज खाना पूर्ति की जाती है। हाल में पंचायत समिति के बैठक में कई बार किसानों के आर्थिक दोहन करने वाले बगैर अनुज्ञपति धारी खाद दुकानों पर करवाई का प्रस्ताव लिया गया। लेकिन आज तक विभगीय तौर पर कोई करवाई नहीं हुई है। और विभाग चुप्पी साधी हुवी है । जरूरत है बैगेर अनुज्ञपति खाद दुकानदारों के विरुद्ध करवाई करने की ताकि किसानों व उनके अनाज को बर्बाद होने से बचाया जा सके।

क्या कहते हैं किसान:-

किसानों ने बताया कि फसलों के बुआई का समय आते ही क्षेत्र में जगह – जगह बगैर अनुज्ञप्ति के खाद – बीज के दुकान संचालित हो जाते हैं।जिसके द्वारा कई बार किसानों को गलत खाद बीज का शिकार होकर काफी नुकसान उठाना पड़ता है। आगे बताया कि किसानों के अरमान को चकनाचूर करने वाले नकली खाद फैक्ट्री मामले का पूरा खुलासा हो और दोषी किसी भी हाल में बचे नहीं का मांग किया है।

क्या बोले पदाधिकारी:- मामले में प्रभारी बीएओ राम पुकार पासवान ने बताया कि बहुत जल्द टीम बनाकर बैगेर लाइसेंस के चलाने वाले बिक्रेता के विरुद्ध शख़्त करवाई की जाएगी।



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