सारस न्यूज, किशनगंज।
शनिवार को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे के अवसर पर ताराचंद धानुका एकेडमी के प्रांगण में छात्राओं के बीच जागरुकता कार्यक्रम आयोजित की गई। इस मौके पर विद्यालय की शिक्षिका अलिशा क्षेत्री ने बताया कि मासिक धर्म यानी माहवारी या पीरियड्स, जिसे लेकर आज भी समाज में संकोच है और अधिकतर महिलाएं व बालिकाएं इस विषय पर खुलकर बात करने में संकोच करती हैं। इसी संकोच को तोड़ने, जागरूकता बढ़ाने और मासिक धर्म के आसपास के नकारात्मक सामाजिक मानदंडों को बदलने के लिए 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि लगभग 13 साल की उम्र की लड़की से लेकर 50 साल की महिला तक हर महीने मासिक धर्म से गुजरती हैं। इस दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गांवों से शहरों तक कई ऐसी लड़कियां और महिलाएं हैं, जो पीरियड्स की कई महत्वपूर्ण जानकारी से अनजान हैं और पीरियड्स को सामान्य नहीं समझता। इस दौरान यूज होने वाले प्रोडक्ट को खरीदनें में भी शर्म महसूस करती है।
उन्होंने कहा कि इसे दूर करने के लिए इस साल मेन्सट्रुअल हाइजीन डे की थीम 2030 तक मासिक धर्म को जीवन का एक सामान्य तथ्य बनाना है। इस थीम का उद्देश्य 2030 तक एक ऐसी दुनिया को बनाना है, जहां बिना किसी शर्म और झिझक के सभी लड़कियां और महिलाएं मासिक धर्म के दौरान जरूरी प्रोडक्ट को खरीद सकें।
अलिशा क्षेत्री ने कहा कि मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। पीरियड्स के दौरान किन बातों को ध्यान रखना है या किसी तरह की समस्या का कारण क्या है, साफ-सफाई की मदद से कैसे और किन बीमारियों से बचा जा सकता है, ये सभी जानकारियां खासकर बालिकाओं को होनी चाहिए। इसके लिए घर और समाज में खुलकर बात करने की जरूरत है, जिससे महिलाओं और बच्चियों को गंभीर और जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिका किरण कुमारी, प्रियंका चौधरी, अमीरून जहां आदि सहित स्कूल की छात्राएं मौजुद थी।
