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सरकारी तिकड़मों में उलझ कर दम तोड़ता नजर आ रहा है कच्चूदह झील बनने का सपना

May 24, 2021

कल तक खिले अरमान आज मुरझा गए हैं।वादा पर वादा होता रहा और फिर टूटने का सिलसिला भी जारी रहा।यह किसी प्रेमी जोड़े की कहानी नहीं बल्कि ठाकुरगंज के छैतल ग्राम पंचायत के हसनपुर गांव के समीप अवस्थित आकर्षक कच्चूदह झील की बात कर रहे हैं।ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत थाना नंबर:-81, मौजा – कच्चूदह, खाता नम्बर-35,खेसरा:- 76,रकवा:- 65.76 एकड़ में फैले इस झील की हालत आज ऐसी है कि आधे भाग पर जलकुंभी का राज है तो बाकी जल को तरस रहा है। ग्रामीणों की इस झील को पर्यटन स्थल में विकसित करने का सपना सरकारी तिकड़मों में उलझ कर दम तोड़ता नजर आ रहा है।जबकि इस झील को विकसित करने के बाद पर्यटन एवं रोजगार सृजन के लिहाज से काफी लाभदायक साबित हो सकता है।

हर वर्ष सैर के लिए पहुंचते विदेशी पक्षी:
 कच्चुदह झील में ठंड के मौसम में साईबेरियन एवं दुर्लभ पक्षियों का जमावड़ा इसकी सुंदरता व महत्ता को बढ़ाता है।तब पक्षी की तरह लोग भी दशायद इस झील की दुर्दशा पर कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पाते हैं।ग्रामीणों से झील के दुर्दशा पर बात करने पर एक बात निकलता है कि काश कोई इसे भी संवारने वाला होता तो नजारा कुछ और होता।वहीं इस झील की सौन्दर्यीकरण की विभागीय कार्रवाई ठंडे बस्ते में चले जाने से प्रखंड वासियों के साथ-साथ जिलेवासियों में मायूसी है।फिलहाल झील में पानी की कमी व गहराई कम हो जाने से अपनी सौन्दर्यता खोती जा रही है।
पूर्व विधायक ने भी किए थे प्रयास:

पूर्व विधायक सह पूर्व सभापति पर्यटन उद्योग गोपाल कुमार अग्रवाल ने बताया कि तत्कालीन समय में विधानसभा में पर्यटन स्थल के रूप में कच्चूदह झील को विकसित करने का आश्वासन प्राप्त हुआ था।वर्ष 2010 में जिला प्रशासन किशनगंज के द्वारा प्राक्कलन भी तैयार किया गया था परंतु इस झील का उत्थान व सौन्दर्यीकरण की आशाएं फाईलों में धूल चाट रही है।हालांकि उन्होंने अब भी हार नहीं मानते हुए झील को संवारने का सपना लिए प्रयास जारी रखने की बात कही।

जिला प्रभारी व ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने भी झील का लिया था स्थलीय भ्रमण:
किशनगंज जिला के तत्कालीन प्रभारी मंत्री व ऊर्जा मंत्री कच्चूदह झील का जायजा लेने के लिए जिला पदाधिकारी व पुरे कुनबे के साथ पहुंचे थे।इस दौरान उन्होंने तत्कालीन विधायक नौशाद आलम व आमलोगों को आश्वस्त किया था कि राज्य योजना मद से झील का कायाकल्प करते हुए इस झील को राज्य के एक पर्यटन स्पॉट के रूप में पहचान दिलाया जाएगा पर उनकी भी बात अब तक अमल नहीं हो पाया है।स्थिति और भी दयनीय होती जा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक मनरेगा योजना के तहत मानव दिवस सृजन के लिए कच्चूदह झील का सौन्दर्यीकरण में मिट्टी खुदाई का कार्य वार्षिक योजना में शामिल किया गया था पर यह योजना फाइलों में ही बंद पड़ा हुआ है। इस बावत स्थानीय मुखिया मुस्ता हसन बताते हैं कि कच्चूदह  झील का सौंदर्यीकरण का कार्य झील की बड़ी रकवा को देखते हुए राज्य सरकार के माध्यम से ही संभव है।त्रिस्तरीय पंचायत के माध्यम से इतनी बड़ी भू-भाग में किसी भी तरह का निर्माण कार्य संभव नहीं है।उन्होंने बताया कि हालांकि इस झील की थोड़ी सी कायाकल्प मनरेगा योजना के तहत मिट्टी खुदाई कार्य कर भी काफी हद तक की जा सकती है।साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्त्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत भी किया जा सकता है।

फ़ोटो:-ठाकुरगंज प्रखंड के छैतल पंचायत के हसनपुर गांव के समीप अवस्थित कच्चूदह झील का दृश्य।
(बीरबल महतो, ठाकुरगंज.कॉम, ठाकुरगंज)

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