सारस न्यूज, किशनगंज।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज से जांचोपरांत नगर पंचायत ठाकुरगंज क्षेत्र के वार्ड नं एक गांधीनगर के दो अतिकुपोषित बच्चे को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में कुपोषण के इलाज के लिए भेजा गया। उक्त बातों को जानकारी देते हुए सीएचसी ठाकुरगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि ठाकुरगंज नगर क्षेत्र के गांधीनगर निवासी श्याम कुमार महतो व लिपि देवी की एक वर्षीय पुत्री राधिका कुमारी तथा इनके ही ढाई वर्षीय पुत्री जयंती कुमारी को कुपोषण के ईलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रतिनियुक्त चिकित्सक डॉ संजय कुमार व डॉ कमल किशोर, एएनएम रश्मि कुमारी तथा फार्मासिस्ट संजीत कुमार की टीम ने दोनों बच्चों के जांच के दौरान अतिकुपोषित का शिकार पाया। बच्चे का कॉन्सेलिंग के बाद उचित ईलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज भेजा गया है जहां पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में दोनों बच्चियों का समुचित ईलाज करवाया जाएगा।
जांच में बच्चे का वजन काफी कम पाया गया था। एनआरसी में एक पखवाड़ा रख कर इलाज कराया जाएगा। भर्ती होने के साथ ही बच्चियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। यहां पोषण से भरपूर वाला खाना बच्चियों को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मजदूरी करने वाले परिवार के लिए निजी अस्पताल में इलाज कराना संभव नहीं था, लेकिन सरकार द्वारा एनआरसी में सभी सुविधा निशुल्क है।
उन्होंने बताया कि गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए जिले के सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को नई जिंदगी मिलती हैं। कुपोषण मुक्त होने से ये बच्ची अब ठीक से अपना जीवन गुजर बसर कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि एनआरसी में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सुपोषित भोजन, पौष्टिक आहार एवं बच्चों की माताओं को सुपोषण से संबंधित जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाता हैं।
एनआरसी में दिये जा रहे पौष्टिक आहार एवं चिकित्सकीय उपचार के कारण गंभीर कुपोषित बच्चे तेजी से स्वस्थ होते हैं। कुपोषित बच्चो को देखने के लिए सुबह शाम दो डाक्टर की डयूटी लगाई जाती है। एनआरसी से डिस्चार्ज के बाद फिर से स्वास्थ्य परीक्षण एनआरसी में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने देख रेख के साथ पोषण आहार भी दिया जाता हैं तथा बच्चों का पुन: स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। एनआरसी में बच्चों के मनोरंजन खेल-कूद के भी साधन उपलब्ध कराए जाते हैं।
