बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
आगामी 09 जनवरी को होने वाले आदिवासी समुदाय के महत्वपूर्ण पर्व में से एक सोहराय पर्व की तैयारी को लेकर बेसरबाटी पंचायत के चुरलीहाट में अवस्थित मांझीथान परिसर में एक बैठक आहुत की गई। आदिवासी समुदाय की मांझी परगणा संथाल समाज के बैनर तले आयोजित उक्त बैठक की अध्यक्षता सुबोध टुडू ने की जिसमें सर्वसम्मति से चतुर हासदा को पूजा की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया। मांझी परगना संथाल समाज के अध्यक्ष अर्जुन हेम्ब्रम ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सार्वजनिक रूप से सोहराय पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। पारम्परिक रूप से सभी लोग परिधानों में पहुंचकर पूजा कार्य में भाग लेंगे। तत्पश्चात सोहराय नृत्य का आयोजन किया जाएगा। आदिवासी नेता सुबोध टुडू ने कहा कि संथाल समुदाय सिर्फ संथाल परगना में ही नहीं है। वरन पूरे देश में हैं। पांच दिन तक चलने वाला संथाल जनजाति का यह मुख्य पर्व का संबंध सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़ा हुआ है। हमारे समाज में इस पर्व का बेहद महत्व है और इस पर्व को हमसभी उत्सव की तरह मनाते हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति काफी रोचक है। शांत चित्त स्वभाव के लिए जाना जाने वाला आदिवासी समुदाय मूलतः प्रकृति पूजक है। बैठक में मुख्य रूप से पर्व को विस्तृत रूप से मनाने और इस दौरान विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता व कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। वहीं बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष ताला मुर्मू, कोषाध्यक्ष विजय मरांडी, उपसचिव रासको सोरेन, सरकार मरांडी, लखीराम मुर्मू, रमेश सोरेन, बीरेंद्र मुर्मू आदि सहित आदिवासी समाज के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।