बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
ठाकुरगंज में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को कायस्थ समाज के लोगों ने कलम दवात की पूजा कर भगवान चित्रगुप्त की स्तुति की। मान्यताओं के अनुसार इस दिन यमलोक में मृत्युलोक वासियों का लेखा जोखा रखने वाले कलम-दवात के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना करने की परंपरा है। शनिवार को नगर ठाकुरगंज सहित प्रखंड क्षेत्र में धूमधाम के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर श्रद्धालु ने अपने अपने घरों ने भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना की। सुबह से ही कायस्थ समाज के लोग भक्ति में लीन दिखे। पूजा आयोजन के संबंध में परमानन्द प्रसाद कर्ण बताते हैं कि मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रम्हा की काया से उत्पन्न चित्रगुप्त को ब्रम्हा जी ने उनका निवास धर्मराज की यमपुरी में धर्मविचार के लिए किया था। बाद में भगवान चित्रगुप्त ने माया प्रकृति, रूप व चण्ड का नाश करने वाली समस्त सिद्धियों को देने वाली देवी का पूजन कर स्वर्गलोक में स्थान पाया।जहां धर्मराज के अधिकार पर अवस्थित हुए जो चौदह यमराजों में से एक हैं।
मान्यताएं यह भी हैं कि चित्रगुप्त मृत्युलोक में रहने वाले सभी जीवधारियों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं जिसके आधार पर जीवों को शुभाशुभ कर्मों का फल भोगना होता है। हालांकि, बदलाव के इस दौर में भी मृत्युलोक वासियों का लेखा-जोखा रखने वाले कलम-दवात के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा उसी आस्था और विश्वास के साथ की जाती है, जिस आस्था के साथ इसे कलम-दवात के जमाने में की जाती थी। खास बात यह कि इस दिन वे कलम को लेखनी के लिए स्पर्श तक नहीं करते हैं। इस अवसर पर पूजा की प्रक्रिया मौके पर भगवान चित्रगुप्त की आराधना में विजय कुमार सिन्हा, राजीव कुमार सिन्हा,प्रेम वर्मा, पवन कुमार वर्मा उर्फ सोनी, सजन कुमार, श्यामा सिन्हा, नवल किशोर वर्मा, परमानन्द प्रसाद कर्ण, प्रवेश वर्मा, मुकेश सिन्हा आदि लोग मौजूद थे।