शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ टीम।
मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का किशनगंज जिले में प्रगति यात्रा के दौरान आगमन हुआ। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ और व्यवस्थित थी। खराब मौसम के कारण उनका आगमन लगभग तीन घंटे विलंब से हुआ और वह हेलीकॉप्टर से ठाकुरगंज प्रखंड के कटहलडांगी पंचायत पहुंचे।
इस दौरान प्रभारी मंत्री सह अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, और पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार बबलू भी उपस्थित रहे।मुख्यमंत्री ने 514.26 करोड़ रुपये की 235 विकास योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें 151.17 करोड़ रुपये की लागत से योजनाओं का उद्घाटन और 363.09 करोड़ रुपये की लागत से योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।मुख्यमंत्री ने ठाकुरगंज प्रखंड के ग्राम पंचायत पटेश्वरी के कटहलडांगी में प्रस्तावित ठाकुरगंज बाईपास रोड का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया।
इस बाईपास की अनुमानित लागत 41.30 करोड़ रुपये है। 4.01 किलोमीटर लंबाई और 10 मीटर चौड़ाई वाले इस बाईपास के निर्माण से आवागमन में सुविधा होगी और आसपास के इलाकों में संपर्कता बढ़ेगी।इसके अलावा,मुख्यमंत्री ने 65.350 किलोमीटर लंबे राज्य उच्च पथ संख्या-99 (बायसी-बहादुरगंज-दिघलबैंक) के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण कार्यों की विस्तृत योजना की जानकारी ली। उन्होंने असूरा-निश्नद्रा घाट पुल निर्माण की प्रगति पर भी चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कटहलडांगी गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत बने तालाब का निरीक्षण किया और इसके चारों ओर सीढ़ीनुमा घाट बनाने का निर्देश दिया। स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए उन्होंने उनकी समस्याओं को सुना। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण कर लाभुकों को योजनाओं के प्रमाणपत्र और चाबियां वितरित कीं।
उन्होंने मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला सहायता योजना, और मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के तहत लाभुकों को लाभ प्रदान किया। गोवर्द्धन प्लांट का उद्घाटन करते हुए उसकी कार्यप्रणाली की जानकारी ली और आदर्श ग्राम पंचायत मॉडल (हालामाला ग्राम पंचायत) का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने खेल मैदान, सरोवर, और अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट जैसी सुविधाओं की सराहना की। उन्होंने जीविका दीदियों के स्टॉल का निरीक्षण करते हुए बताया कि 2005 में राज्य में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। उनकी सरकार ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर इनकी संख्या बढ़ाई। आज ये समूह महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 137 करोड़ रुपये के चेक के साथ 11,486 समूहों को सहायता प्रदान की।
इसके अतिरिक्त,उन्होंने 6 मवेशी आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया और 318.58 लाख रुपये की लागत से फुटओवर ब्रिज का शिलान्यास किया। अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “बिहार के विकास के लिए हमने हर क्षेत्र में काम किया है। सरकार की प्राथमिकता राज्य के हर नागरिक तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।इस कार्यक्रम में कई मंत्री,विधायक,प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
