बीरबल महतो,ठाकुरगंज डॉट कॉम।
एन एच 327 ई के फोर लेन में परिवर्तन की घोषणा के बाद गलगलिया से अररिया के बीच 94 किमी लंबी सड़क के किनारे अतिक्रमण हटाने की कवायद तेज होने से कई आदिवासी समुदाय के लोग भूमिहीन होने का खतरा मंडरा रहा है। सड़क के किनारे बसे भूमिहीनों को अनयंत्र बसाने का प्रयास विभागीय स्तर पर होने लगा है। रविवार को कुर्लीकोट थाना क्षेत्र के बालेश्वर फार्म के समीप फोरलेन निर्माण में आने वाली सरकारी जमीन पर वर्षो से रह रहे दर्जनों आदिवासी के साथ सीओ ओमप्रकाश भगत ने राजस्व कर्मचारी ,अमीन के साथ संयुक्त रूप से वार्ता करते हुए उन्हे वास्तुस्थिति से अवगत कराया। बताते चलें इस स्थल पर 47 आदिवासी निवास करते है जो स्थानीय खेतो में काम कर जीवन बसर कर रहे है।सीओ ओमप्रकाश भगत ने बताया कि सभी लोगो की जांच की जाएगी कि वे भूमिहीन है कि नही? उनके नाम से वासगीत पर्चा है या कही जमीन है या नही।जांच में भूमिहीन पाये जाने पर उन्हे अन्यत्र बसाने की प्रक्रिया आरंभ के लिए जमीन खोजी जा रही है।तब तक इसी जिस जमीन पर उनका वसोवास है वही रहेगे। अन्यत्र व्यवस्था होने पर इन्हे उस जमीन पर बसाया जाएगा।दूसरी ओर वर्षों से वसोवास करने वाले लोगो का कहना था कि सभी भूमिहीन होने के कारण यहां बसे हुए हैं। यहां से हटाये जाने पर उनको अपना सर छिपाने की जगह नही है।