सारस न्यूज़, बहादुरगंज, किशनगंज।
बहादुरगंज जिले में एक के बाद एक पुल धंसने का सिलसिला जारी है। बहादुरगंज प्रखंड में एक और पुल का पाया क्रैक होने के साथ धंस गया है। प्रखंड के अंतिम छोर पर निसंदरा पंचायत के टंगटंगी हाट के समीप है। यह पुल जिसका अस्तित्व समाप्ति पर है। पुल का एक पाया क्रैक होने के साथ ही धंस गया है। हालांकि पुल दो साल पूर्व ही आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसपर लोग जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे थे। लेकिन इस बार पानी के दबाव को पुल सहन नहीं कर पाया और इतना धंस गया है कि पुल का अस्तित्व ही समाप्ति पर है। पुल कभी भी गिर सकता है। बताया जाता है कि यह पुल पंचायत की बड़ी आबादी को जोड़ती है। इसलिए आज भी लोग जान जोखिम में डाल कर पुल पर आवाजाही करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं सूचना पर विधायक अंजार नईमी ने स्थल पर जाकर पुल का निरीक्षण कर जिलाधिकारी को जानकारी दी है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2003 में तत्कालीन सांसद सैयद शहनवाज हुसैन के कार्यकाल में सांसद निधि से पुल का निर्माण हुआ था।
पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि नासीर आलम ने कहा की पुल के ध्वस्त होने से क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रभावित हो गई है। पंचायत की आधी आबादी का जुड़ाव है यह पुल, जो पंचायत का मूसलडांगा, काशीबारी, इस्लामपुर, बुर्ज टोला, रूपनी, हरीभाषा, निसंद्रा सहित कई गावों को मुख्यमार्ग से जोड़ती है। ध्वस्त पुल के कारण लोगों को तकरीबन 6 किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करने की नौबत आयेगी।ध्वस्त पुल के कारण इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण टंगटंगी हाट पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।
वहीं इस संदर्भ में विधायक अंजार नईमी ने कहा कि पुल पूरी तरह डैमेज हो गया है। उन्होंने जिलाधिकारी को पुल की स्थिति से अवगत कराया है। क्षेत्र के जिला पार्षद प्रतिनिधि इमरान आलम ने कहा कि क्षतिग्रस्त पुल को लेकर कई बार जिला परिषद की बैठक में मुद्दे को उठाने के साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग से निर्माण का पहल किया गया है। अब तो पुल पर आवाजाही करना भी मुश्किल है। वहीं ध्वस्त पुल पर प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। नतीजा लोग जान जोखिम में डाल कर पुल पर आवाजाही कर रहे हैं।
