राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
मानसिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव हमारे जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता है। जब व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होता है, तो वह जीवन के उतार-चढ़ाव का बेहतर ढंग से सामना कर सकता है और अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सकता है। मानसिक बीमारियों के लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति और गंभीर हो सकती है, इसलिए यह आवश्यक है कि लोग समय रहते सही परामर्श और सहायता प्राप्त करें। “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए उचित सहायता और देखभाल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज की धारणा और व्यवहार में बदलाव लाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। समाज में यह समझ विकसित करना बेहद जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है और दोनों का समान रूप से ध्यान रखना आवश्यक है।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश की अध्यक्षता में सदर अस्पताल प्रांगण में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने कार्यक्रम में बताया कि इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना, मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों को दूर करना और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक सुलभ पहुँच सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम में सिविल सर्जन, गैर संचारी रोग पदाधिकारी, आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का महत्व
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए उचित सहायता और देखभाल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर जागरूकता बढ़ाना, मानसिक बीमारियों के लक्षणों की पहचान करना, और उन बीमारियों से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देना है। कार्यक्रमों के दौरान लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर शिक्षित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा सेमिनार और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इसके अतिरिक्त, मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक बीमारियों के लक्षणों को पहचानने और उनसे निपटने के उपायों पर जानकारी दी जाएगी। सीएमओ ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों की रुचि बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवा का महत्व
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण सुविधा टोल-फ्री नंबर 14416 है, जिसके माध्यम से लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए विशेषज्ञों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा को बढ़ावा देने के लिए लोगों के बीच यह संदेश फैलाया जा रहा है: “सोचें नहीं, कॉल करें – 14416″। यह सेवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है जो किसी कारणवश चिकित्सीय केंद्र तक नहीं पहुँच सकते, लेकिन उन्हें मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के माध्यम से इस टेली सेवा ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे लोगों की मदद को बेहद सरल बना दिया है। “टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवा, विशेष रूप से टोल-फ्री नंबर 14416, उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो किसी कारणवश चिकित्सीय केंद्रों तक नहीं पहुँच सकते। यह सेवा उनकी गोपनीयता और सुविधा दोनों का ध्यान रखती है।”
समाज में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना, मानसिक रोगियों के प्रति समाज की धारणा में सकारात्मक बदलाव लाना और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए अधिक सुलभ और स्वीकार्य बनाना है। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह दिन एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें समाज में समग्र रूप से मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता की याद दिलाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालयों और कॉलेजों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रतियोगिताएँ, कार्यशालाएँ और पैनल चर्चाएँ का आयोजन किया जाएगा। विशेष रूप से छात्र-छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझाने और एक स्वस्थ मानसिकता बनाए रखने के लिए विशेषज्ञों द्वारा विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्हें मानसिक तनाव और दबाव से निपटने के उपायों के बारे में शिक्षित किया जाएगा।
