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गलगलिया से सटे नेपाल के झापा में आम चुनाव का विरोध जता रही है विप्लव ग्रुप, काले झंडे दिखा व पर्चे छाप चुनाव का कर रहे हैं बहिष्कार।

विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।

किशनगंज जिले के गलगलिया से सटे पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के झापा जिले में चुनाव का बहिष्कार कर रहे राजनीतिक दलों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी है।  प्रतिनिधि सभा और राज्य विधानसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए दो दिन शेष हैं, धर्मेंद्र बस्तोला के नेतृत्व वाली सीपीएन और नेत्रविक्रम चंद (बिप्लव) के नेतृत्व वाली सीपीएन ने दीवारों पर काले बैनर लगाकर विरोध करना शुरू कर दिया है। और जिले के विभिन्न स्थानों में काले रंग के बैनर पर लिखकर एवं पर्चा रखकर विरोध एवं बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं सीपीएन बहुमत ने सीमा क्षेत्र भद्रपुर के अंजनीमोड़ और राजगढ़ बाजार में काले बैनर लगाए थे। बताया जाता है कि गुरुवार शाम अंजलीमोड़ में और शुक्रवार सुबह राजगढ़ बाजार में लगाए गए चुनाव विरोधी बैनर को पुलिस हटा दिया है। बताया जाता है कि गुरुवार शाम अंजलीमोड़ में और शुक्रवार सुबह राजगढ़ बाजार में बैनर लगाए गए हैं। हालांकि पुलिस ने दोनों चुनाव विरोधी बैनर हटा दिए हैं। बताते चलें कि बिप्लव के नेतृत्व वाली सीपीएन ने 20 नवंबर को होने वाले चुनाव का बहिष्कार हेतु विरोधी नारे लिखना शुरू कर दिया है जो एक जनयुद्ध है। जानकारी मिली है कि सीपीएन झापा ने अपने फेसबुक पेज से 20 नवंबर को होने वाले चुनाव को रद्द करने की बात कहते हुए दीवार पर लोगों की कुछ तस्वीरें भी प्रकाशित की है।  वहीं, पुलिस कार्यालय झापा के डीएसपी बसंत पाठक के अनुसार चुनाव का बहिष्कार करने वाले दलों ने जिले के कुछ स्थानों पर बैनर, दीवार लेखन और पर्चा वितरित किए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिले में कोई अन्य गतिविधि नहीं है जो चुनाव को खराब कर सके।

चुनाव का विरोध कर रहे माओवादी विप्लव गुट के हिंसक कार्रवाई से निपटने के लिए सुरक्षा सुदृढ़:-

नेपाल में प्रतिनिधि सभा और राज्य विधानसभा के सदस्यों के चुनाव  रविवार को होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी कर ली गई है। सुरक्षा व्यवस्था भी चाकचौबंद है। ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में हो रहे चुनाव के लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा है। चुनाव ड्यूटी मेें लगे पुलिस कर्मियों को अत्याधुनिक हथियारों से लैश किया गया है। भारत नेपाल की खुली सीमा भी सील कर दी गई है। सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है। चुनाव की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे भी आसमान का चक्कर लगाएंगे। चुनाव का विरोध कर रहे माओवादी विप्लव गुट के हिंसक कार्रवाई से निपटने के लिए सुरक्षा सुदृढ़ की गई है। मतदान केंद्रों पर बम विस्फोट की आशंका को देखते हुए व्यापक रूप से मोबाइल बम निरोधक दस्तों के बंदोबस्त है।

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