बीरबल महतो, सारस न्यूज़, पूर्णिया।
पूर्णिया जिला मुख्यालय के अंतर्गत मधुबनी टीओपी क्षेत्र के धोबिया टोला में दिनदहाड़े कई जघन्य मामलों के आरोपित रहे गुडडू मियां की जिस फिल्मी स्टाइल में नृशंस हत्या की गई, उससे एक बारगी पूरा शहर सहम उठा है। दो अपाची बाइक पर पहुंचे पांच अपराधियों ने उसे खदेड़कर तब तक गोलियां बरसाई, जब तक उसका प्राण पखेरु नहीं उड़ गया। उसकी मौत हो जाने के प्रति आश्वस्त होने के बाद सभी बेखौफ अपराधी आराम से वहां से भाग निकले। इधर गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा धोबिया टोला थर्रा उठा। मोहल्ला वासियों के अनुसार अपराधियों ने लगभग एक दर्जन गोलियां दागी थी। घटनास्थल से पुलिस ने आधा दर्जन खोखा बरामद किया है। फिलहाल घटनास्थल के समीप एक घर में लगे सीसीटीवी के फुटेज से पुलिस ने दो अपराधियों की पहचान कर ली है। इधर घटना के बाद पुलिस की तकनीकी टीम भी पूरे मामले की जांच में जुट गई है। पहचान किए गए दो हत्यारों छोटू यादव व राहुल श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी भी शुरु हो गई है।
फिलहाल लगभग तीन घंटे के बाद आक्रोशित भीड़ को पुलिस समझाने में कामयाब रही। इस दौरान आक्रोशित भीड़ के उपद्रव से पूरा मधुबनी बाजार अस्त-व्यस्त रहा। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है।
आखिर किसके बुलावे पर पहुंचा था गुडडू, जांच में जुटी पुलिस:-
गुडडू मियां की जिस तरह हत्या की गई, उससे आम लोग भी सदमे में है। इधर पुलिस भी इस गुत्थी को सुलझाने में पूरी तरह जुट गई है। पुलिस इस बात की तफ्शीश में भी जुटी है कि आखिर गुडडू मियां अपराधियों के जाल में किस तरह फंस गया। खासकर धोबिया टोला वह किस कार्य व किसके बुलावे पर पहुंचा था, इसकी जांच भी शुरु हो गई है। बताया जाता है कि कुछ देर पूर्व ही गुडडू मियां वहां पहुंचा था। कुछ देर बाद ही दो अपाची पर सवार पांच अपराधी वहां पहुंच गए और खदेड़कर उसकी हत्या कर दी।
गुडडू मियां का रहा है लंबा आपराधिक इतिहास, जमीन ब्रोकरी में था दबदबा:-
अपराध की दुनिया के लिए गुडडू मियां कोई नया नाम नहीं था। कभी कुख्यात रमेश यादव गिरोह का वह मुख्य शूटर हुआ करता था। तकरीबन इस साल पूर्व पूर्णिया मंडल कारा के जेलर की जेल के समीप ही दिनदहाड़े हत्या के बाद रमेश यादव के साथ उसका नाम सूर्खियों में आया था। उसके बाद सूबे में चर्चित रहा मुदित अपहरणकांड सहित शहर के कई बड़े व्यवसायी की हत्या में भी वह आरोपित रहा था। मुदित अपहरणकांड को लेकर कटिहार में पुलिस-अपराधी मुठभेड़ में वह बाल-बाल बच गया था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार उसके खिलाफ कई जघन्य मामले दर्ज थे। तकरीबन डेढ़ साल पूर्व मधुबनी गोलीकांड में भी वह आरोपित रहा था। पुलिस के अनुसार एक साल पूर्व वह जमानत पर जेल से रिहा हुआ था। पिछले कुछ वर्षों से उसका मुख्य पेशा शहर में जमीन की ब्रोकरी हो गया था। खासकर विवादित जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर वह अक्सर चर्चा में रहता था। यद्यपि इस पेशे के जरिए उसने काफी पैसा भी कमाया था और फिलहाल इसी पेशे से जुड़े विवाद में उसकी हत्या की बात सामने आ रही है।