सारस न्यूज, वेब डेस्क।
मीडिया की खबरों में दावा किया गया है कि 15-18 वर्ष आयु समूह के लिए कोविड टीकाकरण के दिशानिर्देशों में उल्लेखित है कि कोवैक्सिन को ईयूएल प्राप्त है, यह खबर भ्रामक है।
मीडिया की कुछ खबरों में यह कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 15-18 वर्ष आयु समूह के लिए कोवैक्सिन टीके के आपातकालीन उपयोग सूचीकरण (ईयूएल) को लेकर सहमति न होने बावजूद इस आयु समूह के लिए कोवैक्सिन टीके को मंजूरी दी गई है। इस तरह की खबरें गलत सूचना देने वाली, भ्रामक और सच्चाई से काफी दूर हैं।
इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में डब्ल्यूएचओ की ईयूएल के बारे में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 दिसंबर, 2021 को “15-18 वर्ष की आयु समूह के नए लाभार्थी” शीर्षक के साथ दिशा-निर्देश जारी किया था। इसके पृष्ठ संख्या चार पर लिखित उप-शीर्षक (ई) में कहा गया है, “ऐसे लाभार्थियों के टीकाकरण के लिए केवल कोवैक्सिन का विकल्प उपलब्ध है, क्योंकि 15-18 आयु समूह के लिए ईयूएल के साथ यह एकमात्र टीका है।”
राष्ट्रीय नियामक केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 24 दिसंबर, 2021 को 12-18 वर्ष के आयु समूह के लिए कोवैक्सिन टीके के ईयूएल को लेकर अपनी सहमति प्रदान की थी। इसके बाद 27 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने युवा व्यस्कों यानी 15-18 वर्ष आयु समूह के टीकाकरण और अन्य चिन्हित समूहों के लिए एहतियाती खुराक के संबंध में दिशानिर्देशों को जारी किया था। ये स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं और इन्हें यहां पढ़ा जा सकता है –
https://www.mohfw.gov.in/pdf/GuidelinesforCOVID19VaccinationofChildrenbetween15to18yearsandPrecautionDosetoHCWsFLWs&60populationwithcomorbidities.pdf
6 जनवरी 2022 की ईसीआई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टिप्पणियों को जिम्मेदार ठहराने वाली मीडिया रिपोर्ट्स गलत, निराधार और भ्रामक हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनाव आयोग के समक्ष 5 मतदान वाले राज्यों में कोविड संक्रमण प्रसार और टीकाकरण कवरेज की पूरी स्थिति प्रस्तुत की।
कुछ मीडिया खबरों के मुताबिक कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के साथ कल हुई एक बैठक में सुझाव दिया है कि “देश में कोविड की स्थिति के बारे में चिंतित होने की कोई बात नहीं है” और चुनाव कराये जाने वाले राज्यों में ओमिक्रॉन के बहुत कम मामलों को देखते हुए “किसी तरह का खतरा या चिंता”की कोई बात नहीं है। इस तरह की खबरें बेहद गलत सूचना देने वाली, भ्रामक और सच्चाई से कोसों दूर हैं। इन खबरों में महामारी के बीच इस तरह की भ्रामक जानकारी को फैलाने की मंशा अधिक नज़र आती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने ईसीआई के साथ अपनी बैठक में देश में कोविड-19के साथ-साथ वैश्विक और घरेलू स्तर पर ओमिक्रॉन संक्रमण के फैलने की स्थिति की पूरी जानकारी प्रस्तुत की। कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए राज्यों के भीतर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की तैयारियों की स्थिति पर भी विवरण प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति का केन्द्र बिन्दु भी 5 मतदान वाले राज्यों और उनके पड़ोसी राज्यों पर ही था।