बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
रेलवे में पैसेंजर ट्रेन से लेकर गतिमान एक्सप्रेस तक चलाने वाले ट्रेन के गार्ड को अब अलग-अलग कैटेगरी के मैनेजर के रूप में जाना जाएगा। रेलवे बोर्ड ने अपने गार्ड की पांच कैटेगरी बनायी है। उनके वेतनमान भी रेलवे बोर्ड ने तय कर दिए हैं। साथ ही सभी जोनल मुख्यालयों को इस पर अमल करने का आदेश भी जारी कर दिया है। रेलवे में गार्ड मेल एक्सप्रेस ट्रेनों, पैसेंजर और मालगाड़ी में तैनात होते हैं, अब वे नए पदनाम ट्रेनों के हिसाब से जाने जाएंगे।
रेलवे यूनियनों और फेडरेशन की कई वर्षों की मांग पर गार्ड का पदनाम बदलकर मैनेजर करने का आदेश पिछले साल ही रेलवे बोर्ड ने दिया था। उनकी कैटेगरी तय करने के लिए एक कमेटी बनायी गयी थी। जिसमे कमेटी ने उनके पदनाम तय करते हुए अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी हैं। रेलवे बोर्ड के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर वेतन आयोग-द्वितीय एमके गुप्ता ने अपने आदेश में कहा है कि ग्रेडपे 1900 और पे बैंड लेवल एक व दो पर तैनात सहायक गार्ड अब सहायक पैसेंजर ट्रेन मैनेजर होंगे। इसी तरह 2800 ग्रेड पे और पे बैंड दो व लेवल पांच के गुड्स गार्ड को गुड्स ट्रेन मैनेजर कहा जाएगा। ग्रेड पे 4200 और पे बैंड दो व लेवल छह के सीनियर गुड्स गार्ड अब सीनियर गुड्स ट्रेन मैनेजर होंगे। जबकि इतने ही ग्रेड पे और पे बैंड पर तैनात सीनियर पैसेंजर गार्ड का नया पदनाम सीनियर पैसेंजर ट्रेन मैनेजर होगा। शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें चलाने वाले 4200 ग्रेडपे के मेल एक्सप्रेस गार्ड को अब मेल एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर कहा जाएगा।
नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडल मंत्री आरके पांडेय ने कहा कि गार्ड की ट्रेन संचालन में अहम भूमिका होती है। अब ट्रेन में गार्ड मैनेजर, टीटीई कैप्टन तो ड्राइवर लोको पायलट हाेंगे। इससे उनकी कार्य दक्षता और निखरेगी। इस बावत पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गुनीत कौर ने बताया कि ट्रेन के पिछले डिब्बे में लालटेन, टार्च और हरी झंडी दिखाने वाले ट्रेन गार्ड एक तरह से पूरी ट्रेन का मैनेजमेंट करते हैं। ट्रेन के ड्राइवर शब्द को लोको पायलट के रूप में तथा वीआइपी ट्रेनाें में टीटीई को ट्रेन कैप्टन के रूप में बदलने के बाद गार्ड को भी सम्मान दिया जाएगा।
वहीं सम्मान देने के लिए बोर्ड व मंत्रालय से यूनियन ने मांग की थी। इस मांग को आखिरकार लंबे समय बाद पूरा किया गया है। कर्मचारी यूनियन के अधिकारी ने कहा कि इससे ट्रेन गार्ड को अब उनके काम के अनुरूप सही नाम से सम्मान मिलेगा।