विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया, किशनगंज।
नेकियो और रहमतो की बारिश का पाक माहे रमजान का पहला रोजा मुसलमान भाई रविवार से रखना शुरू कर दिए हैं, जिसे इस्लाम धर्म का चौथा स्तम्भ माना गया है। रात से ही ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र एवं सीमावर्ती इलाका गलगलिया के मुस्लिम इलाके में तरावीह की नमाज भी शुरू हो गयी। रोज़ेदार रमजान के पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा नेकियां कमाने के लिए गरीबो की मदद करने की तैयारी में लगे हैं। तरावीह की नमाज अदा करने के लिए लोग शाम के बाद से ही तैयारियां करते देखे गए। रमजान के पूरे महीने रात में विशेष नमाज यानि तरावीह की नमाज अदा करने के लिए इबादतगाहों में सफाई व अन्य इंतजाम किए गये हैं। लोग मस्जिदों और घरो में भी हाफिज कुरआन शरीफ दोहरा रहे हैं। औरतें भी खुदा की इबादत में मशगूल हैं। रमजान को लेकर ठाकुरगंज बाजार में भी रौनक दिखने लगी है। ठाकुरगंज जामा मस्जिद के शाही इमाम ने बताया कि इस्लाम धर्म में रमजान एक पर्व की तरह होता है और रमजान के महीने को इबादत का महीना कहा जाता है। इस दौरान बंदगी करने वाले हर शख्स की ख्वाहिश अल्लाह पूरी करता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का होता है। इसमें सभी मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीना रोजा रखते हैं। इस पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा (उपवास) रखते हैं। इस दौरान कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है। शाम में तय समय पर एक साथ सभी लोग रोजा खोलते हैं। रोजा रखने की सबसे बड़ी हिकमत यह है कि इससे परहेजगारी मिलती है। इसलिए तमाम मुसलमानों को चाहिए कि रब का शुक्र अदा करते हुए खुशदिली से रोजा रखें। खूब इबादत करें और इस माहे मुबारक के फैज से मालामाल हों।
चांद ही करता है रमजान के आगमन की घोषणा
रमजान का पवित्र महीना नए चांद के आगमन से शुरू होता है। आठवें महीने शाअबान के आखिरी दिन आकाश में नए चांद को देखने के लिए लोग जुट जाते हैं। इसबीच आकाश में निकले चांद के दिखते ही पूरी दुनिया में रमजान के पवित्र माह के शुरुआत की घोषणा की जाती है।
इबादत के साथ रोगों से बचे रहने का एक कारगर नुस्खा है रमजान
रमजान के पवित्र माह में रोजा रखने से पाचनक्रिया और अमाशय को आराम मिलता है। सालों-साल लगातार काम करने के कष्ट से शरीर की इन मशीनरियों को कुछ दिनों तक आराम मिलता है। इस दौरान आमाशय शरीर के भीतर फालतू चीजों को गला देता है। यह लंबे समय तक रोगों से बचे रहने का एक कारगर नुस्खा भी है।
ईद से होती है रमजान की समाप्ति
पवित्र रमजान माह की समाप्ति ईद-उल-फितर त्यौहार के साथ हर्ष और उल्लास के साथ होती है। इस्लामी दुनिया के इस पवित्र त्यौहार के आगमन की सूचना भी आकाश में दिखाई देने वाला नया चांद देता है। ईद के दौरान मुस्लिम समुदाय नये वस्त्र धारण करता है, एक दूसरे को उपहार भेंट करता है, परिवारजनों के साथ ज्यादा से ज्यादा खुशियों को बांटता है।