विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
पोएला बैशाख यानि बंगला नव वर्ष के अवसर पर शनिवार को ठाकुरगंज एवं सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया बाजार सहित सटा हुआ बंगाल के सिंघिया जोत, देवीगंज, चक्करमारी के बाजारों में खाशा उत्साह का माहौल देखा गया। खासकर बंगाली समुदाय के व्यवसायिकों द्वारा दुकानों को फूल मालाओं व केला के पेड़ से सजाकर श्री गणेश भगवान् की पूजा अर्चना कर नए साल का सुभारम्भ किया गया। बंगला कैलेंडर के अनुसार इस दिन पहला बैशाख से नव वर्ष की शुरुआत होती है। व्यवसाय के पुराने बही खाते को बदलकर अपने स्थाई ग्राहकों को आमंत्रित कर मिठाइयां खिलाते हैं। यह कार्य इस दिन देर शाम तक चलता है।
बांग्ला नववर्ष 1425 की हुई शुरुआत:
रविवार को बांग्ला नववर्ष 1425 की शुरुआत हुई। यह दिन बंग समाज के लिए बहुत महत्व रखता है। बंग समुदाय में शादी जैसे शुभ कार्य की शुरुआत इसी माह से की जाती है। इस दिन समुदाय के लोग एक दूसरे को शुभो नोबो बोरसो कह कर नए साल की बधाई देते हैं। इस दिन को पोएला बैसाख कहते हैं। बंग समुदाय के लोग इस दिन नई खेती की शुरुआत भी करते हैं। वहीं, व्यापारियों द्वारा हाल खाता (लेखा-जोखा) की शुरुआत की जाती है।
सोशल साइट्स पर बधाइयों का सिलसिला:
शुभ नोबो बोरसो का बधाई एक दिन पूर्व सोशल साइट्स फेसबुक, वाट्सएप आदि पर शुरू हो गया। नववर्ष के पहले दिन बंग समुदाय के लोगों ने बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लिए। नए परिधान में मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर महिलाएं पारंपरिक परिधान लाल पाड़ वाली सफेद साड़ी और पुरुष कुर्ता-पाजामा, धोती कुर्ता में दिखें।
कहते हैं व्यवसायी:
गलगलिया बाजार के व्यवसायिक विकास घोष ने बताया कि पोएला बैशाख सिर्फ एक नए दिन के रूप में नहीं बल्कि सभी को नए दिन के साथ नया संकल्प लेते हुए अपने कल के बेहतर के लिए नई विचारधारा के साथ मनाना चाहिए। हालांकि हमारा प्रत्येक दिन ही हमारे लिए नया है। जब जागो तभी सवेरा। इसी विचार धारा के साथ हर किसी को आगे बढ़ते रहना चाहिए। पुराने विचारों को खत्म कर नए विचारधारा के साथ इस दिन में नए काम की शुरुआत करनी चाहिए। वहीं भुम्भल घोष ने कहा कि घर में खास पकवान बनेंगे। हमलोगों ने इलिस माछेर पातूड़ी, भापा ईलिश, भापा भेटकी, आलू पोस्तो, रोसोगोला की खास तैयारी की है। दोस्तों व रिश्तेदारों को भी निमंत्रण दे रखा है।