सारस न्यूज टीम, पटना।
वाणिज्य कर विभाग के निरीक्षण में बिहार में तीन दर्जन से अधिक ऐसे कोचिंग संस्थान पकड़ में आए हैं, जो बिना निबंधन के चल रहे थे। कोचिंग संस्थान जीएसटी भी नहीं जमा कर रहे थे। अब इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस संबंध में राज्य कर आयुक्त डा. प्रतिमा के निर्देश पर गुरुवार को कई संस्थानों का निरीक्षण हुआ।
वाणिज्य कर टीम ने बेगूसराय, झंझारपुर, तेघड़ा, मधुबनी, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, सासाराम, भभुआ, गया, शाहाबाद, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, किशनगंज, कटिहार, फारबिसगंज, पूर्णिया, गोपालगंज, सारण, सिवान, हाजीपुर, बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर एवं पटना में कुल 38 संस्थानों का निरीक्षण किया।
बिना निबंधन के चलने वाले इनमें से सात सिर्फ पटना के हैं। निरीक्षण के क्रम में इन कोचिंग संस्थानों के शिक्षण केंद्रों पर बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे। जांच में इन छात्रों से फी के रूप में हजारों रुपये लेने के प्रमाण भी मिले हैं। कोचिंग संस्थानों काे कारोबार की एक सीमा के ऊपर होने पर जीएसटी का निबंधन लेना अनिवार्य है। जांच के क्रम में यह पाया गया है कि अधिकांश कोचिंग संस्थानों का वार्षिक कारोबार निर्धारित सीमा से अधिक है। इसके बाद भी जीएसटी में इनका निबंधन नहीं था।
वाणिज्य कर आयुक्त डॉ प्रतिमा ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में पाए गए तथ्यों के आधार पर इन कोचिंग संस्थानों को निबंधन लेने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन संस्थानों से दंड की भी वसूली होगी।
ऐसे कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने जीएसटी के तहत अपना निबंधन रद्द करा लिया है, लेकिन वे लगातार कोचिंग क्लासेस चला रहे हैं। बड़ी बात ये है कि यहां पढ़ने वाले छात्रों से संस्थान मोटी फीस भी वसूल रहा था। अब इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वाणिज्य कर विभाग के निरीक्षण के उपरांत विभागीय कार्रवाई करने की जानकारी के बाद बिना निबंधन वाले कोचिंग संस्थान के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।