सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार में साक्षरता अभियान की मुहिम और तेज होगी। अक्षर आंचल योजना में नियत मानदेय पर कार्यरत शिक्षा सेवकों का शिक्षण कौशल को और बेहतर बनाया जाएगा। साथ ही अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक वर्ग के छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों का स्कूलों में नामांकन और उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा उन्हें कोचिंग प्रदान करने की जिम्मेदारी भी शिक्षा सेवकों की है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश दिया है।
चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में साक्षरता अभियान को लेकर शिक्षा विभाग ने जो कार्ययोजना बनाई है उसके मुताबिक राज्य योजना के तहत ‘प्रथम’ संस्था के सहयोग से सभी जिलों में शिक्षा सेवकों के शिक्षण कौशल बेहतर करने के लिए ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। इसके लिए वातावरण निर्माण हेतु अक्षर मेला, समर कैंप, बारहमासा सरीखे आयोजन होंगे।
वहीं अक्षर आंचल योजना में अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक समुदाय की 15 से 45 आयु वर्ग की 12 लाख असाक्षर महिलाओं को बुनियादी साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य है।