सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
गुरुवार की सुबह से पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी थी। बिहार के संदर्भ में बड़ी खबर यह है कि मणिपुर की 60 सीटों में से पांच पर जनता दल यूनाइटेड ने जीत दर्ज कर ली है। जबकि, दो सीटों पर उसने बढ़त बनाई हुई है। जेडीयू का मुख्य आधार बिहार में है। बिहार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में जेडीयू के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। बिहार की नीतीश सरकार में भारतीय जनता पार्टी व जेडीयू एक साथ हैं। हालांकि, मणिपुर में एनडीए के ये दोनों घटक दल अलग-अलग हैं। जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए मणिपुर में मिले वोट महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। इस लिहाज से यह पार्टी व नीतीश कुमार के लिए गुड न्यूज है।
मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटें हैं। बीते चुनाव की बात करें तो इनमें से कांग्रेस ने 28 सीटें जीतीं थीं, लेकिन 21 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी और नगा पीपुल्स फ्रंट जैसे दलों को साथ लेकर सरकार बना ली थी। वर्तमान चुनाव परिणाम आने के बाद भी एनपीपी और एनपीएफ जैसे दल बीजेपी के साथ जा सकते हैं। हालांकि, दोनों दलों ने चुनाव बीजेपी से अलग होकर लड़ा है। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 31 है।
अभी तक पांच सीटों पर जेडीयू की जीत:
मणिपुर में जारी मतगणना के ताजा रुझानों में बीजेपी निर्णायक बढ़त ले चुकी है। वह 29 सीटों पर या तो जीत चुकी है, या बढ़त में है। जेडीयू भी पांच सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है। जबकि, दो सीटों पर आगे भी चल रहा है। मणिपुर में जेडीयू ने टिपाईमुख विधानसभा सीट पर एनएस सनाते जीत के साथ अपना खाता खोला। इसके बाद पार्टी ने चार अन्य सीटें जीत ली हैं। आगे सरकार बनाने को लेकर जेडीयू का स्टैंड क्या होगा, इसपर पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे।
आखिर क्या है जेडीयू की रणनीति?
सवाल यह है कि बिहार के बाहर मणिपुर में जेडीयू क्यों चुनाव मैदान में कूदी? दरअसल, जेडीयू बिहार के बाहर अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगी है। इसलिए उसकी नजर पूर्वोत्तर राज्यों पर है। जेडीयू वहां ‘राज्य पार्टी’ का दर्जा पाने के लिए चुनाव लड़ रही है। जेडीयू पहले से ही बिहार और अरुणाचल प्रदेश में ‘राज्य पार्टी’ का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। अगर इसे दो और राज्यों में ‘राज्य पार्टी’ का दर्जा मिल जाता है तो वह राष्ट्रीय पार्टी बन जाएगी। चुनाव आयोग से ‘राष्ट्रीय पार्टी’ के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए तीन शर्तों में से एक के अनुसार उसे चार लोकसभा सीटों के अलावा किसी भी चार या अधिक राज्यों में कम से कम छह फीसद वोटों की भी आवश्यकता है। पिछले विधानसभा चुनावों में जेडीयू ने पहले ही बिहार और अरुणाचल प्रदेश में छह फीसद से अधिक वोट हासिल कर लिए हैं और लोकसभा में बिहार से उसके 16 सदस्य हैं। जेडीयू अगर अगले कुछ सालों में मणिपुर तथा एक और राज्य में छह फीसद वोट हासिल कर लेता है तो वह ‘राष्ट्रीय पार्टी’ की मान्यता पाने की शर्तों को पूरा कर लेगा। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर साल 2023 में होने जा रहे नागालैंड विधानसभा चुनाव पर भी है। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर के प्रभारी अफाक अहमद खान ने कहा हैा कि मणिपुर के बाद पार्टी नागालैंड विधानसभा चुनाव पर फोकस करेगी।