सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार में शिक्षकों के कौशल प्रशिक्षण में व्यापक सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की मदद से अगले पांच साल का मास्टर प्लान बनेगा। इसमें स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर भी फोकस किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य के सभी जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में सांस्थनिक बदलाव लाने की स्वीकृति दे दी है। शिक्षा विभाग और स्वैच्छिक संस्था ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल के बीच हुए करार (एमओयू) के तहत पांच वर्षों के लिए बनने वाले मास्टर प्लान के अनुरूप जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों की वार्षिक योजनाएं तय होंगी। शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन के लिए प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा अपने सेवा-पूर्व तथा सेवाकालीन प्रशिक्षणों की गुणवत्ता में सुधार की योजना बनेगी। पाठशाला परिसर सुधार कार्य के तहत प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से जुड़े एक-दो विद्यालयों के परिसर को बेहतर बनाने की योजना बनेगी।
शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य के सभी 66 शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में सुधार कार्य में तेजी जाएगी। इसमें 33 जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों और 23 प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शामिल हैं। प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में एक व्यक्ति के अलावा विद्यालय परिसर सुधार के लिए दो सदस्यों और एक टीम लीडर सहित 15 सदस्यों की तैनाती होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की सांस्थनिक क्षमता संवद्र्धन में ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल द्वारा सहयोग किया जाना है। इसके लिए संस्थानों में संसाधनों के प्रबंधन, शिक्षकों में क्षमता संवद्र्धन और शाला परिसरों के उन्नयन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास होगा। ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ अनुसंधान एवं प्रशिक्षण निदेशक के सहयोग से यह परियोजना लागू करेगी। इसके तहत 12 चिन्हित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के साथ मिल कर काम करना तय हुआ है। प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के कायांतरण में प्राचार्य और संकाय सदस्यों की जवाबदेही बढ़ेगी।