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उत्तर बंगाल के लोग तय करेंगे कि उन्हें अलग राज्य चाहिए या नहीं : निशिथ प्रमाणिक,केंद्रीय गृह राज्यमंत्री

Aug 25, 2021

बीरबल महतो, सारस न्यूज़।

पश्चिम बंगाल के भाजपा के नेताओं द्वारा उत्तर बंगाल को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग के संबंध में दिए जा रहे बयान से पिछले कुछ समय से राज्य की राजनीति गर्म है। इस बीच उत्तर बंगाल से भाजपा के एक और सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने मंगलवार को इशारों में अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग का समर्थन किया है।‌कूचबिहार से सांसद व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक ने कहा कि उत्तर बंगाल के लोगों ने दशकों से उदासीनता का सामना किया है और वहां के लोग ही तय करेंगे कि उन्हें अलग राज्य चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि इस मांग के बारे में वैध या अवैध जैसी कोई चीज नहीं है। मैं इसके बारे में क्या सोचता हूं, इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता। बहुत से नेताओं की व्यक्तिगत राय हो सकती है। मैं उत्तर बंगाल के लोगों के साथ हूं उन्हें तय करने दें क्या चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इसपर अपनी राय बाद में दूंगा। लेकिन, मैं उत्तर बंगाल के लोगों के साथ हूं। उन्हें तय करने दें कि उन्हें क्या चाहिए। निशिथ प्रमाणिक बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा में कथित रूप से मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी की ओर से राज्य में आयोजित किए जा रहे शहीद सम्मान यात्रा के दौरान मालदा में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।इधर अलग राज्य को लेकर उनके इस बयान के बाद राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए निशाना साधा है। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा बंगाल विभाजन की साजिश रच रही है। इसीलिए उसके एक के बाद एक सांसद इस मुद्दे को हवा देकर राज्य को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।अलग राज्य की मांग पर जॉन बारला पहले से तृणमूल के निशाने पर हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी कीमत पर ममता बनर्जी की सरकार बंगाल विभाजन की इजाजत नहीं देगी। बताते चलें कि निशिथ प्रमाणिक की यह टिप्पणी अलीपुरद्वार से भाजपा सांसद जॉन बारला द्वारा उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग के दो महीने बाद आई है। अलग राज्य की मांग को लेकर जॉन बारला पहले से तृणमूल के निशाने पर हैं।

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